स्वस्थ दिखने वाले लोगों से भी है कोरोना का खतरा, शोध में हुए हैरान करने वाले खुलासे


जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस
भारत, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कोरोना वायरस (Covid-19) अब दुनिया के ज्यादातर देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले 10 लाख हो जाएंगे और मौतों का आंकड़ा 50,000 तक पहुंच जाएगा। कोरोना वायरस को लेकर हर दिन नए-नए शोध किए जा रहे हैं ताकि इसके संक्रमण को जल्द से जल्द रोका जा सके। पूरी दुनिया में कम से कम 20 वैक्सीन पर अभी काम चल रहा है। इस बीच हाल में हुए शोध में हैरान कर देने वाली बातें सामने आईं हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमण के बाद इसके लक्षण सामने आने में पांच दिनों का समय लगता है लेकिन कुछ लोगों में इसके लक्षण दिखने में इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। हैरानी की बात ये है कि कुछ लोग ऐसे भी पाए गए हैं जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे लेकिन वह इससे संक्रमित थे। बीते दिनों चीन ने कहा है कि उसके यहां कोरोना से संक्रमित 1541 ऐसे केस हैं जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। इनकी संख्या कम नहीं है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि ऐसे मरीज दूसरों तक संक्रमण फैलाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। ऐसे लोगों का आंकड़ा करीब 10 प्रतिशत है।

ब्रिटेन में कोविड-19 के संक्रमण से 13 साल के बच्चे की मौत (फाइल फोटो)
ब्रिटेन में कोविड-19 के संक्रमण से 13 साल के बच्चे की मौत (फाइल फोटो) - फोटो : PTI
  • चीन (China) की मैगजीन कैक्सिन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में अब भी बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं जिनके आंकड़े फिलहाल शामिल नहीं किए जा रहे हैं। दुनिया भर में ऐसे मरीजों को 'साइलेंट कैरियर' कहा जा रहा है। यानी वो लोग जो दिखने में स्वस्थ जरूर हैं लेकिन दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।
  • बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों का पता टेस्टिंग से ही लगाया जा सकता है लेकिन कई देशों में टेस्ट सिर्फ लक्षण दिखाई देने पर ही किए जा रहे हैं। भारत भी इन्ही में से एक है।
  • अमरीका में आम लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की सबसे अहम एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफिल्ड के मुताबिक, ऐसे सैकड़ों मरीज मिले हैं, जिन्हें अब हाई ट्रांसमिशन जोन में रखा गया है। वहीं नीदरलैंड्स के अरासमस मेडिकल सेंटर में वायरस साइंस विभाग की प्रमुख मेरियन कूपमन्स के मुताबिक, संक्रमित मरीजों में 25% ऐसे मामले मिले हैं, जिनमें कोविड-19 के शुरुआती लक्षण देखने को नहीं मिले।
  • होकाइडो यूनिवर्सिटी के एपिडोमिलॉजिस्ट हिरोशी निशिहुरा के मुताबिक गैर-लक्षण मरीज साइलेंट कैरियर्स के रूप में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हो सकते हैं। इससे पहले विशेषज्ञों ने कहा था कि 10 में से 6 मरीजों में कोरोना के शुरुआती लक्षण देखने नहीं मिले। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद एक बार फिर इसने शोधकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
  • किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के अनुसार सूंघने की क्षमता में कमी और स्वाद महससू न होना भी कोरोना के लक्षण हैं। शोधकर्ताओं ने 4 लाख कोविड-19 संक्रमित रोगियों के बताए लक्षणों और उनकी जांच के आधार पर यह नतीजा निकाला है।
  • पहले कहा जा रहा था कि आम नागरिकों को तब तक मास्क पहनने की जरूरत नहीं है जब तक वे बीमार महसूस नहीं कर रहे हैं। लेकिन इस खुलासे के बाद कि बीमार महसूस किए बिना ही लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। मास्क हर व्यक्ति को पहनने की सलाह दी जा रही है।
  • सीडीसी अब उन लोगों को भी टेस्ट भी शामिल कर रहा है जिनमें कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं, लेकिन जो कोरोना संदिग्ध या किसी मरीज के संपर्क में आ चुके हैं। भारत की जनसंख्या के हिसाब से प्रति व्यक्ति का टेस्ट कर पाना मुमकिन नहीं है। यहां केवल उन लोगों का टेस्ट किया जा रहा है जिनमें कोरोना के लक्षण देखने को मिले थे और जिन्होंने विदेश यात्राएं की थीं।

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