भाजपा में भीतरघात के कारण पोहरी में चुनाव हुआ त्रिकोणीय

 भाजपा में भीतरघात के कारण पोहरी में चुनाव हुआ त्रिकोणीय 

शिवपुरी - शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र के लिये मतदाताओं को अगले मंगलवार को मतदान के दौरान आगामी करीब तीन वर्ष के लिये पोहरी विधानसभा क्षेत्र के प्रथम नागरिक यानि की विधायक पद के लिये मतदान करेंगे। उसके अगले मंगलवार को यानि की 10 नवम्बर को मध्यप्रदेश की पोहरी सहित 28 विधानसभा सीटों के साथ-साथ बिहार में नई सरकार की तस्वीर भी साफ हो जायेंगी। चूंकि हम बात कर रहे है। जिले की पोहरी विधानसभा सीट की तो यहां आगामी एक सप्ताह के दौरान राजनिति की कई चालें चली जायेंगी। किन्तु रविवार को पोहरी विधानसभा क्षेत्र से अगला विधायक कौन होगा। इसको लेकर राजनैतिक गलियारों में अलग-अलग राय लोगो दौरा व्यक्त की गई। पोहरी क्षेत्र के लोगो का कहना था। कि पोहरी से अगला विधायक कौन होगा यह तस्वीर मतदान के दौरान ही निकलकर सामने आ पायेंगी। क्योंकि यहां कांग्रेस के प्रत्याशी को जितना कांग्रेस के अंदर से भीतरघात का सामना करना पड़ रहा है। उससे दो गुना सामना भाजपा के उम्मीदवार को भी करना पड़ रहा हैं। क्योंकि भाजपा के प्रत्याशी चंद दिनों पहले ही भाजपा में शामिल हुये और उनको भाजपा के अन्य उम्मीदवारों के सामने अपना भविष्य खतरे में नजर आ रहा है साथ ही भाजपा के मूल कार्यकर्ता नये प्रत्याशी को आता देख उन्हें हजम नहीं कर पा रहे है। जिसके चलते पोहरी क्षेत्र के मूल भाजपाई केवल बड़े नेताओं के कार्यक्रम में मुंहदिखाई करने के बाद अपने घरों की ओर रवाना हो जाते है। कुल मिलाकर पोहरी क्षेत्र में आज की तारीक में मुकावला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। क्योंकि जहां एक ओर कांग्रेस एवं भाजपा के उम्मीदवार भीतरघात का सामना कर रहे है। वहीं तीसरे उम्मीदवार के रूप में दिखाई देने वाले वसपा के उम्मीदवार के मैदान में मतबूती से खड़े रहने तथा उनके समाज का वोट वैंक तथा पार्टी का वोट बैंक एक तरफ आता हैं। तो पोहरी क्षेत्र के लिये होने वाले मतदान के दौरान हमें त्रिकोणीय एवं कड़ा मुकावला दिखाई दे सकता है और यदि आने वाले एक सप्ताह के दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कथन सही हो जाता है और सत्ता धारी दल शासकीय मशीनरी के साथ धनवल का उपयोग करते है। तो त्रिकोणीय मुकावला मतदान तक बदल भी सकता है। किन्तु मतदान के ठीक 10 दिन पूर्व रविवार को पोहरी क्षेत्र के राजनैतिक गलियारे से जो तस्वीर निकलकर सामने आई है । उससे यही अंदाजा लग रहा है। कि भाजपा में नये उम्मीदवार तथा सिंधिया खेमेे से होने के कारण लोक सभा की तरह सिंधिया को कमजोर करने के लिये भाजपा के चाणक्य नेता यदि अपनी चाल चलने में कामयाव हुये तो पोहरी क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के सामने बड़ी चुनौती पेश कर सकते है।  




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