जन्म-जयंती के नाम पर चुनावी भण्डारा कर निशा शिवहरे ने चौथी बार अध्यक्ष पद के लिये की दावेदारी, दल को लेकर स्थिति साफ नहीं

जन्म-जयंती के नाम पर चुनावी भण्डारा कर निशा शिवहरे ने चौथी बार अध्यक्ष पद के लिये की दावेदारी, दल को लेकर स्थिति साफ नहीं

हरीश भार्गव - रोहित वैष्णव कोलारस - कोलारस में नगर परिषद अध्यक्ष के दावेदारों को लेकर चर्चाओं से लेकर प्रमुख दलों के उम्मीदवारों द्वारा तैयारियां प्रारम्भ कर दी है। उम्मीद है। कि दिसम्बर माह में नगर परिषद चुनावों की घोषणा प्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा सरकार से हरी झण्डी मिलते ही चुनावों की तारीक की घोषणा कर सकता है। नगर निकाय के चुनाव 15-20 दिनों के अंदर निर्वाचन आयोग सम्पन्न करा सकता है। सम्भावना यह लग रही है। कि अगले माह जनवरी में नगर निकाय यानि की नगर परिषदों के चुनाव हो सकते है। कोलारस में अध्यक्ष पद सामान्य महिला के खाते में रिजर्व है। इसका मतलब यह है। कि किसी भी वर्ग की महिला अध्यक्ष पद के लिये दावेदारी कर सकती है। कुछ लोग सामान्य वर्ग के अध्यक्ष पद आरक्षित होने के कारण सवर्ण समाज के व्यक्ति को ही पार्टी से टिकिट एवं चुनाव लडने की मांग कर रहे है। किन्तु पूर्व में नगर परिषद अध्यक्ष के लिये हुये चुनावों में सामान्य वर्ग से निशा शिवहरे कांग्रेस से टिकिट लाकर चुनाव जीत चुकी है। जिसके चलते उनके हौसले बुलंद है। उसी का परिणाम है। कि शिवहरे दम्पत्ति चौथी बार कोलारस नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिये दावेदारी भण्डारे के साथ कर रहा है। किन्तु चुनाव किस दल से लड़ा जायेंगा। इसको लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है। 

कोलारस नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिये निशा शिवहरे चुनाव लड़ेंगी इसकी तस्वीर शनिवार को उस समय साफ हुई जब हनुमान मंदिर धर्मशाला पर श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव के साथ निशा शिवहरे के जन्म दिन पर शिवहरे समर्थक लोगो द्वारा आमंत्रण पत्र बांटकर कोलारस के हजारों लोगो को चुनावी भण्डारें के रूप में भोजन करायें। जिसमें नगर के सभी समाज के लोगो ने चुनावी भण्ड़ारे का लुप्त उठाया और भण्डारे के साथ शिवहरे दम्पत्ति ने नगर परिषद अध्यक्ष के लिये चैथी बार चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश कर दी। मीडिया ट्राईल में यह बात निकलकर सामने आई की रविन्द्र शिवहरे भाजपा से जुड़े है। जबकि निशा शिवहरे का नाम किसी भी पार्टी में अभी स्पष्ट नहीं है। इससे यह लगता है। कि वरिष्ठता के आधार पर यदि भाजपा विपिन खैमरिया को उम्मीदवार बनाती है। तो ऐसी स्थिति में क्या निशा शिवहरे कांग्रेस से उम्मीदवार हो सकती है। इस तरह की खबरे मीड़िया जगत में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। कुल मिलाकर शनिवार को आयोजित विवाह जन्म उत्सव के नाम पर आयोजित चुनावी भण्ड़ारे से निशा शिवहरे के चुनाव लड़ने की तस्वीर साफ हो गई है। किन्तु किस दल से चुनाव लड़ेंगी इसको लेकर स्थिति साफ नहीं है। 

विरोधी चौथी बार शिवहरे दम्पत्ति से टक्कर लेेने के लिये हो जायें तैंयार 

कोलारस नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिये होने वाले चुनावों की तैयारियों को लेकर निशा शिवहरे द्वारा चुनाव लड़ने की तस्वीर साफ हो गई है। अभी तक शिवहरे दम्पत्ति ने तीन बार अध्यक्ष पद के लिये चुनाव लड़े जिसमें तीनों चुनावों में बहु संख्यक मतदाता माने जाने वाले कुशवाह, अग्रवाल, ब्राह्राण तीनों समाज के उम्मीदवारों को शिवहरे दम्पत्ति लम्बे अंतर से चुनाव हराते आये है। इस बार भी निशा शिवहरे के चुनाव लड़ने की तस्वीर साफ हो गई है। किन्तु दल को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हैं। निशा शिवहरे किसी भी दल से चुनाव लड़े किन्तु अध्यक्ष पद के लिये टिकिट मांगने वाले विरोधियों के सामने निशा शिवहरे ने चुनावी ताल ठोककर चुनाव लडने की चुनौती अवश्य पेश कर दी है। शिवहरे समर्थकों का कहना है। कि कोलारस में ब्राह्राण, अग्रवाल समाजों के बीच राजनैतिक मत भेद है। जिसका लाभ हमेशा दुसरों को मिला है। इसके अलावा कुशवाह एवं गडरिया, हरिजन समाज का वोट बैंक कोलारस नगर के चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करता आया है और इस बार के चुनाव में ब्राह्राण, अग्रवाल, कलार समाज के उम्मीदवार होने पर जातिगत आधार पर वोट बैंक का ध्रुवीकरण होगा जिसका लाभ चौथी बार शिवहरे दम्पत्ति को मिलने का दम शिवहरे समर्थकों को है। 


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