पिछोर की तुलना में कोलारस विधानसभा की रोड़ों की हालत बद से बदतर

पिछोर की तुलना में कोलारस विधानसभा की रोड़ों की हालत बद से बदतर

कोलारस - मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है कोलारस विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार भाजपा के विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे है किन्तु शिवपुरी जिले की पिछोर से हम तुलना करें तो पिछोर की तुलना में कोलारस विधानसभा क्षेत्र की रोड़ें पासंग में भी दिखाई नहीं देती है। यह हम नहीं बल्कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख चार सड़के स्वयं गवाही देती है। कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र की रोड़ें कांग्रेसी विधानसभा क्षेत्र की तुलना में क्या स्थिति में है। मध्यप्रदेश में चैथी बार भाजपा की सरकार बनकर विधानसभा में पहुंची है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र से स्व. रामसिंह यादव एवं महेन्द्र यादव के कार्यकाल को छोड़ दिया जाये ंतो शेष कार्यकाल में कोलारस विधानसभा क्षेत्र से तीन बार भाजपा के विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा  में पहुंचे है। जिनमें ओमप्रकाश खटीक, देवेन्द्र जैन एवं वर्तमान विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी इसी बीच मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद भी लगातार पिछोर विधानसभा से कांग्रेस के विधायक केपी सिंह लगातार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे है। आखिर वह कौन से कारण है। कि पिछोर को जोड़ने वाली सड़कों की हालत हाईवे की तरह है। जबकि कोलारस विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख सड़कों की हालत यह है। कि बाइक एवं छोटी कार से चलने वाला व्यक्ति सुरक्षित अपने घर तक पहुंच जायेगा। इसकी भी गारंटी लेने वाला कोई नहीं है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र की सड़कों की खस्ता हालत के चलते वर्ष में सर्वाधिक दुर्घटनाऐं कोलारस विधानसभा क्षेत्र में होती है तथा पिछोर की तुलना में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के लोगो की दुर्घटना के कारण मौतों का आंकड़ा देखा जाये तो दो गुने से कम नहीं होगा। हम किसी दल या व्यक्ति विशेष को लेकर सबाल नहीं उठा रहे है बल्कि खवर के माध्यम से रोड़ों के नाम पर ठेकेदारों एवं अधिकारियों के बीच चल रही मिली भगत का परिणाम कोलारस विधानसभा क्षेत्र के लोग दुर्घटना के रूप में घुन की तरह पिसने का कार्य हो रहा है। जिस पर अंकुश लगाने की आवश्कता सभी को है और यदि ऐसा नहीं हो पता है। तो पिछोर एवं कोलारस की प्रमुख 04 सड़कों को लेकर न्यायालय में ठेकेदारों के विरूद्ध रोड़ों की गुडवत्ता को लेकर जनहित याचिका दायर करके कोलारस के लोगो को सड़कों से राहत दिलाने की आवश्कता है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख 04 खस्ता हाल रोड़ों की हम बात करें। तो उनमें सबसे पहला नाम आता है देहरदा से ईशागढ़ को जाने वाले मार्ग की जिसकी हालत यह है। कि यहां बाइक एवं अल्ट्रो कार चलाने लायक रोड़ नहीं है। गड़डो के कारण रोड़ की हालत बद से बदतर है। दूसरा नाम आता है। कोलारस से भड़ौता होकर खरैह, खनियाधाना को जोड़ने वाले मार्ग का तो कोलारस से लेकर भडौता के बीच रोड़ किनारे की डस्ट, गिट्टी, मलवे को रोड़ पर फैलाकर ठेकेदार का कोई पता नहीं है। जिसके चलते कोलारस से भड़ौता होकर जाने वाले लोग परेशान हो रहे है। तीसरा नाम आता है। लुकवासा से झाडेल पिपरौदा होते हुये राजस्थान को जोड़ने वाली सड़क का तो सड़क की हालत खस्ता होने के साथ साथ पुलों का निर्माण पूर्ण न होने के कारण जुलाई से लेकर दिसम्बर तक नदियों में पानी जमा होने के कारण करोड़ों की लागत से बनी सड़क बंद हो जाती है। इसी क्रम में चैथा नाम आता है। पड़ोरा से खोड़ होते हुये पिछोर जाने वाले मार्ग की तो यहां वर्षाें से सड़क का कार्य चल रहा है। किन्तु सिंध के पुल एवं रोड़ का कार्य अपूर्ण होने के कारण छोटे बाहनों एवं बाइक का जाना मुश्किल है। वारिस के दौरान सिंध के उस पार के लोगो का कोलारस विधानसभा क्षेत्र से काफी लम्बे समय तक सम्पर्क कटा रहता है। यह कोलारस विधानसभा क्षेत्र की चार प्रमुख रोड़ों की हालत है। अब हम कोलारस विधानसभा एवं पिछोर विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाली चार प्रमुख सड़कों को तुलनात्मक रूप से आपके सामने आंकड़े रखते है। 

1- देहरदा तिराहे से खतौरा, ईशागढ़ को जोड़ने वाले मार्ग की हालत यह है। कि यहां छोटी कार को 40 की स्पीड से ब्रेक लगाते हुये जाना पड़ता है - जबकि पिछोर से दिनारा होते हुये झांसी जाने वाले मार्ग पर प्रत्येक बाहन को 80 से 100 की स्पीड पर चलाया जा सकता है। 

2- कोलारस से भड़ौता होते हुये खरैह, खनियाधाना जाने वाले मार्ग पर भडौता तक 20 की स्पीड से जाना पड़ता है - जबकि पिछोर से सिरसौद होते हुये शिवपुरी जाने वाले मार्ग पर प्रत्येक बाहन को 80 से 100 की स्पीड तक चलाया जा सकता है। 

3- लुकवासा से झांडेल पिपरौद होते हुये राजस्थान जाने वाले मार्ग में रोड़ की हालत खराब होने तथा पुल का निर्माण अपूर्ण होने के कारण वारिस में रास्ता बंद तथा बाहन की स्पीड 40 से 50 के बीच - जबकि खोड़ से सिरसौद तिराहे को जोड़ने वाले ग्रामीण क्षेत्र की सड़क पर बाहन की स्पीड 70 से 90 के बीच तक बाहन चलाये जा सकते है। 

4- पड़ोरा से खोड़ होते हुये पिछोर जाने वाले मार्ग में सिंध नदी पर पुल न बनने तथा रोड़ का निर्माण अधूरा होने के कारण वारिस में रोड़ बंद तथा रोड़ अपूर्ण होने के कारण बाहन की स्पीड 50 के अंदर तय - जबकि पिछोर से चंदेरी होते हुये भोपाल को जाने वाले मार्ग पर प्रत्येक बाहन की स्पीड़ 80 से 100 के बीच तक बाहन चलाये जा सकते है। 

हमने कोलारस एवं पिछोर विधानसभा सीट की 04 सड़कों की तुलना नाम एवं बाहनों की स्पीड के साथ की है। रोड़ों की हालत किसी से छिपी नहीं है। कि किस तरह सत्ताधारी विधानसभा कोलारस में ठेकेदारों एवं अधिकारियों की मिली भगत से रोड़ों की हालत कांग्रेसी विधानसभा पिछोर की तुलना में कैसी है। रोड़ों की हालत खराब होने के कारण आये दिन दुर्घटनाऐं, रास्ट्रीय इंधन की अधिक खपत के साथ साथ इन रोड़ों से गुजरने वाले बाहनों में मैंटिनेश भी दो गुना निकलता है। 


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