हर रोग की दवा - देखे बाबा का नया कोरोना का नस्खा

 हर रोग की दवा - देखे बाबा का नया कोरोना का नस्खा 

मैं आपको 16 साल पीछे ले जाता हूँ 2004-05 की बात है. जादो बा का नया-नया उदय हुआ था. बाबा ने एक नुस्खा बताया कि अपने दोनों हाथों के नाखूनों को आपस में रगड़ने से बाल काले हो जाते हैं जवान -बूढ़े सब भिड़ गए झाल बजाने में. नाखूनों को रगड़-रगड़ कर बर्बाद कर डाले. किसी को भी छिद्दी भर भी लाभ नहीं हुआ फिर बाबा ने दूसरी नौटंकी शुरू की, लौकी का जूस पियो सब रोग ठीक हो जाएगा, खास करके Hypertension और हृदय रोग. जिधर भी बाबा का शिविर लगता था उस जिले भर में कद्दू मिलना मुश्किल ना जाने कितनों ने तितुआ कद्दू के जूस पीकर प्राण त्यागे अब बाबा ने कद्दू का पिण्ड छोड़ दिया है उसके बाद इस बहुरूपिये ने अपनी दवाइयां बेचनी शुरू की मधुमेह का जड़ से इलाज. इन्सुलिन बंद करवाकर प्रत्येक माह 5 से 10 हजार की दवाई. नतीजा फिर सिफर ना जाने कितने लोग  Diabetic ketoacidosis में चले गए. कुछ को बचाया जा सका और बाकी सब ऊपर चले गए. अब कोरोना आ गया और बाबा का गिलोय काण्ड शुरू हुआ. (इस बीच मे सलवार कुर्ती जैसे कई छोटे मोटे काण्ड हुए, उनकी चर्चा बाद में फिर कभी). लोगों ने जंगल-झाड़ी से ढूंढ ढूंढ कर गिलोय का सेवन चालू कर दिया. और पिछले साल भर से खाते ही आ रहे हैं. परिणामस्वरूप लीवर खराब होना शुरू हो चुका है. किसी को समझ मे ही नहीं आ रहा है कि अचानक Cirrhosis of liver  वाले मरीजों की बाढ़ क्यों आ गयी आयुर्वेद एक प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है. इनकी दवाइयों का भी effect और adverse effect होता है.  आयुर्वेद का ही एक सूत्र है कि प्रत्येक औषधि एक निश्चित मात्रा से अधिक सेवन करने पर विष का काम करती है इसीलिए किसी प्रशिक्षित आयुर्वेदाचार्य से ही चिकित्सीय परामर्श लिया करें लफंटुस  और अछरकटुओं के फेर में मत पड़ें नीम-हकीम खतरे जान और अगर खुद अभिरुचि हो तो "भावप्रकाश निघण्टु" का अध्ययन करें यह आयुर्वेदक मेडिसिन का text book है पौधों के चित्रों के साथ उनका पूरा औषधीय विवरण दिया गया है और अंत में एक बात और आप चाहे कितना भी एलोपैथी विरोधी हों लेकिन वैक्सीन जरूर लगवायें, मास्क पहनें और 2 गज की दूरी का खयाल रखें.

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