मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान ने गुरुवार को अपनी किताब ब्राह्मण द ग्रेट का कवर पेज जारी किया। इसके साथ ही खान ने लिखा कि किताब में ब्राह्मणों के गौरव का अनुभव होगा। खान ने कवर पेज के साथ लिखा कि मेरी किताब के नायक, शुभेंद्र उर्फ जूनियर कौटिल्य, एक ब्राह्मण, यूएसए में सीईओ की अपनी प्रतिष्ठित नौकरी से इस्तीफा दे देते है और ब्राह्मणों के लिए अपने परिवार के साथ अपने सभी संबंध समाप्त कर लेते है। एक ऋषि के रूप में वह हर ब्राह्मण का खोया हुआ गौरव वापस पाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
सवाल- ब्राह्मणों पर किताब लिखने की प्रेरणा कहां से मिली?
नियाज खान – मैंने चाणक्य समेत कई बड़े ऋषि मुनियों को पढ़ा और जाना। जैसे महर्षि दधीचि परशुराम के अध्ययन के बाद ही मुझे ब्राह्मण द ग्रेट किताब लिखने का विचार आया। 3 हजार सालों तक वेद ब्राह्मणों के पास थे। उनके संरक्षण में ही भारत का गौरवशाली इतिहास, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र सुरक्षित था।
सवाल- मोहन भागवत ने कहा है कि पंडितों ने जाति व्यवस्था को बढ़ावा दिया, आपका क्या कहना है?
नियाज खान- मैं अपनी किताब पिछले डेढ़ साल से लिख रहा था। उन्होंने कुछ दिन पहले इस बारे में कुछ कहा। यह उनके विचार है। मेरी किताब और उनके विचार में कोई संबंध नहीं हैं।
सवाल- ब्राह्मणों पर रिसर्च के दौरान क्या-क्या जानकारी मिली?
नियाज खान- ब्राह्मणों ने वेदों को संभाल कर रखा। उनमें प्रकृति के संरक्षण, धर्म की रक्षा, मानव जाति के कल्याण और राष्ट्र भक्ति की भावना का संचार किया गया है। इसके अलावा ऐसे भी ब्राह्मण हुए है, जिन्होंने यज्ञ, पूजा-पाठ के अलावा राष्ट्र की रक्षा के लिए शस्त्र उठाए हैं।
सवाल- मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि ओम और अल्लाह एक ही है। आप इससे कितने सहमत हैं?
नियाज खान- सनातन धर्म ईसा पूर्व अस्तिव में आया। यह हजारों साल पुराना धर्म रहा हैं। दुनिया का सबसे प्राचीनतम धर्म हैं। जबकि बाकी दुनिया के धर्म बाद में आए हैं। इस्लाम धर्म 600 ईसवी के आसपास आया हैं।
सवाल- आपकी किताब आज के समय में कितनी सही है? जब धर्म और जाति पर सियासत हो रही हैं?
नियाज खान- देखिए, मेरी किताब में आपको जातिवाद कहीं नहीं मिलेगा। मेरी किताब ब्राह्माण पर आधारित है। उनकी इतिहास की उपलब्धियां का किताब में उल्लेख हैं। उनकी आगे क्या भूमिका हो सकती है। इस पर केंद्रीत हैं।
सवाल- अब इसके बाद कौन सी किताब लिखने की योजना बना रहे हैं?
नियाज खान- अब ब्राह्माण पार्ट-2 लिखूंगा। पार्ट-1 में उनके संघर्ष और प्राचीनकाल से तुलना और उपलब्धी का जिक्र है। जबकि पार्ट-2 में आने वाले इतिहास में ब्राह्माण कैसे अपने गौरवशाली इतिहास को दोहराएंगे। वेद का कैसा बोल बोला रहेगा इस पर आधारित रहेंगी।
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