मध्य प्रदेश की पन्द्रहवीं विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। रविवारको विधानसभा बजट सत्र के पूर्व आवश्यक व्यवस्थाओं का अध्यक्ष गिरीश गौतम ने निरीक्षण किया तथा राज्यपाल के सोमवार को आगमन की तैयारी का जायजा लिया। पहले दिन राज्यपाल मंगु भाई पटेल के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत होगी। इस बजट सत्र में कांग्रेस विकास यात्रा समेत अन्य मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेरेंगी। सत्र के हंगामेदार होने के आसार है। मध्य प्रदेश विधानसभा के 29 दिवसीय सत्र में सदन की 13 बैठकें होगी। 1 मार्च को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सरकार का 2023-24 का बजट पेश करेंगे। इसके एक दिन पहले 28 फरवरी को विधानसभा के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण रखा जाएगा। इस बार का बजट करीब 3 लाख करोड़ का होगा। पिछले साल सरकार ने 2 लाख 79 हजार करोड़ का बजट पेश किया था।
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र कल से, राज्यपाल के अभिभाषण से होगी शुरुआत - MP
पहला डिजिटल यानी पेपर लेस बजट
सरकार इस बार पहला डिजिटल यानी पेपर लेस बजट पेश करेंगी। इसके लिए सरकार विधायकों को टैबलेट देने जा रही है। इसी टैबलेट में विधायकों को एक मार्च को बजट मिलेगा। वहीं, अन्य लोगों को पेन ड्राइव में बजट की सॉफ्ट कॉपी दी जाएगी। हालांकि बजट की एक प्रिंटेट कॉपी सदन में रखी जाएगी।
सरकार दे सकती है जनता को सौगत
प्रदेश में नवंबर में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में शिवराज सरकार चुनाव को देखते हुए बजट में जनता को कई सौगात दे सकती है। सरकार ने लाडली बहना योजना का ऐलान करके मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। बजट में इसका भी प्रावधान होगा। इसके अलावा सरकार किसान, युवा, एसटी-एससी के लिए भी सरकार नई घोषणा कर सकती है।
कांग्रेस सरकार को घेरने बनाएगी रणनीति
कांग्रेस ने बजट सत्र में सरकार को घेरने रणनीति बनाएंगी। इसके लिए सोमवार शाम को पीसीसी चीफ कमलनाथ के निवास पर विधायको की बैठक बुलाई गई है। जीतू पटवारी ने सरकार के 15 मंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र लाने की बात कही हैं। इसमें कांग्रेस सरकार की विकास यात्रा, सीधी बस दुर्घटना समेत कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाएगी। सत्र के हंगामेदार होने के आसार है।
विधायकों ने 3704 सवालों के जवाब मांगे
बजट सत्र में विधायकों ने सरकार से 3704 सवालों के जवाब मांगे है। इसमें करीब 80 विधायकों ने ई सिग्नेचर के साथ 1870 ऑनलाइन सवाल किये गए है। वहीं, 1834 सवाल ऑपलाइन किए गए है। इनमें 1849 तारांकित, 1855 अतारांकित, 154 ध्यानाकर्षण, तीन स्थगन, 24 शून्यकाल और 31 अशासकीय संकल्प प्रस्ताव के माध्यम से भी मुद्दो को उठाया गया है।
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