शिवसेना सुप्रीम कोर्ट में, महाराष्ट्र में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन


महाराष्ट्र में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन, शिवसेना सुप्रीम कोर्ट में
जैसे कि - आशंका चल पड़ी थी, केन्द्र सरकार ने मौका लगते ही आखिरकार महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के लिए प्रस्ताव पास किया और कुछ ही देर बाद वहां राष्ट्रपति शासन लगने की घोषणा भी हो गई।

केबिनेट के प्रस्ताव को राष्ट्रपति ने मिलते ही मंजूरी दे दी। हालांकि इसके प्रस्ताव के साथ ही शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है।

याद हो कि, महाराष्ट्र में राजभवन के प्रवक्ता ने राज्य मे राष्ट्रपति शासन लगाने की बात को नकारा था, जबकि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को इसकी सिफारिश भी कर दी और राज्य में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन लग ही गया।
इसके पहले 17 फरवरी 1980 को पहली बार लागू हुआ था। उस वक्त शरद पवार मुख्यमंत्री थे। उनके पास बहुमत था, हालांकि राजनीतिक हालात बिगड़ने पर विधानसभा भंग कर दी गई थी। ऐसे में 17 फरवरी से आठ जून 1980 तक करीब 112 दिन तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहा था।
दूसरी बार 28 सितंबर 2014 को भी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। उस वक्त राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस थी। कांग्रेस अपने सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहित अन्य दलों के साथ अलग हो गई थी और विधानसभा भंग कर दी गई थी, तब 28 सितंबर 2014 से लेकर 30 अक्तूबर यानि 32 दिनों तक राज्य में दूसरी बार राष्ट्रपति शासन लागू रहा।

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