कोलारस - विधानसभा एवं लोकसभा के चुनावों को सम्पन्न हुये काफी समय बीत चुका है। अब स्थानिय स्तर के चुनाव होना शेष है। विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को पूर्व में भी मात मिल चुकी है किन्तु लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस कहें या महल को कोलारस परगने से मात पहली बार मिली है। लोकसभा के चुनाव में महल को कोलारस से पहली बार मिली हार के बाद महाराज कांग्रेसियों को फटकार तो कई बार लगा चुके है किन्तु बागी कांग्रेसियों पर कार्यवाही न होने से ईमानदारी से कार्य करने वाले कांग्रेसियों के माथे पर हार की हतासा अभी तक खत्म नहीं हुई है ईमानदारी से कार्य करने वाले कांग्रेसियों को यह डर भी सता रहा है कि जिन बागी कांग्रेसियों ने भाजपाईयों के साथ मिलकर महाराज एवं विधानसभा में यादव बाहुल्य विधानसभा से महेन्द्र यादव को नहीं छोडा क्या ऐसे बागी कांग्रेसी पंचायत, नगर निकाय, मण्डी के चुनाव में ईमानदारी से कार्य करने वाले कांग्रेसियों को जीतने देगे इसका डर उन्हें सता रहा है वह महाराज की ओर इस उम्मीद से आस लगाये है। कि जिन बागी कांग्रेसियों को महाराज ने फटकार लगाई है। एवं पावर विहीन किया है। क्या ऐसे कांग्रेसियों को महाराज स्थानीय चुनावों से पहले बाहर का रास्ता दिखायेगे अथवा उन्हें आये मौका देकर लोकसभा एवं विधानसभा की तरह आगे भी बगावत करने का मौका मिलता है। इसको लेकर कांग्रेसियों में तरह-तरह की चर्चाये जोर पकड रही है।
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