
अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सरकार ने सभी सांसदों (NDA) और मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने को कहा है. इसके साथ ही फैसले के कुछ दिनों बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मुद्दे पर फैसले की घड़ियां जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं, प्रदेश में कानून-व्यवस्था कायम रखने वाली एजेंसियां भी पूरी तरह से मुस्तैद हो रही हैं.
पुलिस मुख्यालय ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील 34 जिलों के पुलिस प्रमुखों को भी निर्देश जारी कर दिए हैं. इन जिलों में मेरठ, आगरा, अलीगढ़, रामपुर, बरेली, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और आजमगढ़ आदि हैं.
आरएसएस ने शुरू किया संपर्क अभियान
अयोध्या राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने संपर्क अभियान शुरू किया है. मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठकों का मकसद है कि फैसला कुछ भी आए, सांप्रदायिक सौहार्द्र नहीं बिगड़ना चाहिए. संघ के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ऐसी एक दर्जन बैठकें करने की तैयारी है. संघ हर प्रांत में भी इस तरह की बैठकें कर रहा है, जिसमें संघ और भाजपा नेताओं के साथ मुस्लिम धर्मगुरु और कौम की अन्य हस्तियां भाग ले रही हैं.
इसी कड़ी में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर मंगलवार को संघ नेताओं की मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक हुई. संघ की तरफ से सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, संघ के सह संपर्क प्रमुख और भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री रामलाल, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार इस बैठक में उपस्थित हुए. इस बैठक में मुस्लिम धर्मगुरुओं के अतिरिक्त फिल्मकार मुजफ्फर अली, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन भी मौजूद रहे.
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