कोलारस में सिंध की लाईन बनी घोटालो की लाईन, पानी की टंकी ध्वस्त होने के बाद प्रतिदिन फूटती लाईन

कोलारस में सिंध की लाईन बनी घोटालो की लाईन, पानी की टंकी ध्वस्त होने के बाद प्रतिदिन फूटती लाईन

कोलारस - कोलारस में भड़ौता से लेकर कोलारस नगर तक करीब 12 किलो मीटर मैन लाईन सहित शहर की लाईन को मिलाकर करीब 20 किलो मीटर के आस पास पानी की लाईन से लेकर तीन पानी की टंकियां एवं सिंध नदी पर स्टाॅप डेम का निर्माण गुढगांव की एक कम्पनी द्वारा किया गया। जिसमें काला पीला कर करोड़ों डकारने वाले तो निकल गये। किन्तु घोटालों के बीच बना सिंध पेयजल प्रोजेक्ट का खामियाजा ठेकेदार से लेकर कोलारस की जनता भुगत रही है। पिछले वर्ष जहां स्टाॅप डेम में दरार पढने का मामला सामने आया था। उसके बाद बिगत माह कोलारस में घोटालो से बनी पानी की टंकी धाराशाही हो गई। हालात यहां तक नहीं सम्भले सिंध से लेकर कोलारस नगर तक डलीे पानी लाईन में 100 अधिक जोड ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा लगाये जा चुकी हैं। बीते दो दिन पूर्व मानीपुरा में ही मैन लाईन फूटने से कोलारस नगर के लोग पानी के लिये तरस्ते रहे। अभी भी सिंध घाट से लेकर कोलारस नगर तक एक दर्जन से भी अधिक स्थानों पर सिंध नहीं की लाईन फूटी होने के कारण जगह-जगह पानी लीक हो रहा है। करोड़ों की लागत से तैयार हुये सिंध प्रोजेक्ट के घोटाले में शामिल लोग तो अपना हिस्सा लेकर निकल लिये किन्तु कभी स्टाॅप डेम में दरारा आने, कभी मोटर खराब होने, कभी पानी की टंकी गिरने, कभी लाईन फूटने के कारण जल की सप्लाई न मिलने, कभी गन्दे पानी से लेकर पानी में पक्षियों के पंख निकलने के कारण कोलारस के लोगो के लिये सिंध प्रोजेक्ट का लाभ ठीक प्रकार नहीं मिल पा रहा घोटालों से तैयार सिंध प्रोजेक्ट की कीमत कमीशन खाने वाले अधिकारियों की जगह ठेकेदार एवं कोलारस नगर की जनता भुगत रही है। 

कभी गंदा पानी, कभी पानी में पक्षियों के पंख आखिर सिंध प्रोजेक्ट का क्या लाभ 

कोलारस में करोड़ों की लगात से तैयार सिंध प्रोजेक्ट में कमीशन खाने वाले तो निकल गये। किन्तु हकीकत में सिंध प्रोजेक्ट शिवपुरी एवं साखनौर की तरह कोलारस में भी फैल बना हुआ है। कमीशन खोरी से तैयार सिंध प्रोजेक्ट की हालत यह है। कि कभी लाईन टूटने तो कभी सिंध नदी से आने वाले पानी में गंदगी निकलने से लेकर पक्षियों के पंख निकलने के कारण कोलारस नगर के लोग अब सिंध की पानी की जगह हैडपम्प, नलकूप, कुओ से पानी भरकर पीने को मजबूर है। कभी गंदा एवं पक्षियों के पंख युक्त पानी तो कभी लाईन फूटने के कारण गंदा पानी आने से नगर के लोग काफी परेशान है। लोगो का यहां तक कहना है। कि शिवपुरी एवं साखनौर की तरह कोलारस में भी फ्लाॅप सिंध प्रोजेक्ट पर हर महीने खर्च होन वाली राशि को रोककर इसे बंद कर कोलारस में ही वायपास के पास यदि गुंजारी नदी में स्टाॅप डैम बना दिया जाये तो कोलारस नगर परिषद के वोरो से लेकर निजी नलकूपों में कभी पानी की समस्या पैदा ही नहीं होगी। क्योंकि कोलारस नगर के लिये सिंध प्रोजेक्ट घोटालो एवं गंदे पानी के कारण वरदान की जगह मुशीवत लेकर आया है। कोलारस वस्ती है। टंकी गिरने से बड़ी जनहारी तो बच गई किन्तु शेष दो टंकियों से कभी भी कोई भी बड़ा हादसा घोटालों के सिंध प्रोजेक्ट के कारण कभी भी हो सकता हैं 


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