कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं अर्थात बच्चों के गुण उनके पैदा होते से ही समझ आने लगते हैं ऐसी ही विलक्षण प्रतिभा का धनी है इंदौर का आरंभ। आरंभ मात्र 4 साल 10 माह की आयु में विश्व के सभी 196 देशों के राष्ट्रीय ध्वज पहचान लेता है।
आरंभ जैन को इस प्रतिभा के कारण दो संस्थाओं ने सम्मानित किया है। इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से संस्था के फाउंडर प्रणव कुमार और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स संस्था द्वारा ब्रिटिश सांसद वीरेन्द्र शर्मा, चेयरमैन डॉ. दिवाकर सुकुल, अध्यक्ष संतोष शुक्ल व ऐशिया पेसिफिहेड डॉ.भरत शर्मा द्वारा अवार्ड एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया।
बाल्यकाल में ही आरंभ की फोटोग्राफी मेमोरी अचंभित कर देना वाली रही है। आरंभ के माता-पिता ने इस योग्यता को तब पहचाना जब वो मात्र साढ़े तीन वर्ष का था। इतनी छोटी उम्र में ही टेलीविजन पर देखे विदेशी ध्वजों को पहचानकर याद रखने लगा व जब कभी वो ध्वज बालक के सामने आते तो तपाक से उसके देशों के नाम बताने लगता। ये घटनाएं देखकर माता ने आरंभ के साथ निरंतर अभ्यास करवाना शुरू किया। शहर की अनेक सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं में आरंभ लगातार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुका है।
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