एसडीएम साहब लगाम लगा सकेंगे सौदा पत्रक के बिना बाहर माल खरीदी पर
हरीश भार्गव, देवेन्द्र शर्मा बदरवास-कोलारस-लुकवासा संयुक्त कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों की सभी उंगलियां घी में डुबोकर रखें है इसका कारण है मंडी सचिव एवं उनके दो अधीनस्थ कर्मचारियों की मिलीभगत से मंडी के बाहर प्रतिदिन हजारों बोरी की संख्या में फसल खरीदी होती है लगातार प्रतिदिन एवं अवकाश के दिनों में है भी हाईवे किनारे एवं बीच बजार दुकानों पर व्यापारी जमकर माल खरीद रहे हैं जिसकी मंडी कर्मचारियों द्वारा ना तो जांच की जा रही है ना ही व्यापारियों के गोदामों का रिकॉर्ड निरीक्षण किया जा रहा सौदा पत्रक पर मंडी फसल खरीदने की पहल काफी शानदार है किंतु यदि मंडी से बाहर काम करने वाले व्यापारी सभी सौदा पत्रक पर माल खरीदने लगे तो अधिकारी कर्मचारियों का भरण पोषण कैसे होगा व्यापारी तो नंबर एक में सौदा पत्रक से माल खरीदना चाहता है किंतु खुद मंडी प्रशासन ऐसा करने में बाधा पैदा करता है जिसके कारण बाहर माल खरीदने वाले व्यापारी लाखों की राजस्व चोरी कर मालामाल हो रहे हैं जब भी अखबारों में खबरें प्रकाशित होती हैं तो 10,20 बोरी खरीदने वाले छोटे व्यापारियों पर चालानी कार्यवाही कर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है जिन धन्ना सेठों के गोदामों में हजारों बोरी माल भरा पड़ा है उसे खुद मंडी कर्मचारी रात के अंधेरे में दीगर राज्यों में भेजने में मदद करतें हैं।
कृषि उपज मंडियों में खरीदी का कोई रिकॉर्ड नहीं है
कोलारस एवं बदरवास की उप मंडी लुकवासा कर्मचारियों के लाखों की कमाई का जरिया बनी हुई है इस मंडी में हमेशा मंडी सचिव अपने खास कर्मचारी की तैनाती करता है ताकि लुकवासा मंडी में आने वाले 1000 ट्रैक्टरों से अधिक अधिक से अधिक कमाई की जा सके इसी तरज पर चल रही कोलारस मंडी का भी क्या कहना है कोलारस मंडी तथा लुकवासा मंडी से प्रतिदिन लाखों की राजस्व चोरी अधिनस्थ कर्मचारी करवा रहा है इसी के साथ माल खरीदी का रिकॉर्ड भी मेंटेन नहीं किया जाता है।
बदरवास-लुकवासा में हाईवे बीच बजार में खुले में ख़रीदीं तो वही कोलारस मंडी बीच शहर में
बदरवास, लुकवासा के व्यापारी यहां निवासरत मंडी सचिव के साथ साथ भारसाधक अधिकारी के प्रभाव से कोई मतलब नहीं है तो वही कोलारस - लुकवासा तथा बदरवास में गेहूं के व्यापारी पूरे जिले में नंबर 2 के लिए विख्यात है दबंग व्यापारी अपनी सल्तनत के आगे उन्हें कोई नियम कायदे कानून की कोई चिंता नहीं है लुकवासा में गेहूं का कारोबार, बदरवास में चावल का कारोबार पूरे मध्यप्रदेश में अपनी पहचान बनाए हुए वही बदरवास, लुकवासा कृषि उपज मंडी के अधिकारी अपने हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं उक्त काला कारोबार करने वाली व्यापारियों पर किसी प्रकार का अंकुश लगाने में असफल साबित हो रहे हैं जिसके चलते अन्य व्यापारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और भी राज्य से चोरी कर प्रशासन को लाखों का चूना लगा रहे हैं यदि इसी तरह यह सब काला कारोबार चलता रहा तो मध्य प्रदेश सरकार को लगातार बाजार और बैंकों से कर्ज उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जहां कर चोरी करने वाले अधिकारी कर्मचारी व्यापारियों से मिलकर काले धंधे में शामिल हो जाती हैं वहां की मुखिया को कर्ज में डूबना ही पड़ता है यह कोई बड़ी बात नहीं है यदि मध्य प्रदेश सरकार को कर्ज लेने से बचना है तो मंडी के बाहर कर चोरी कर रहे व्यापारियों पर अंकुश लगाना ही पड़ेगा जिससे मध्यप्रदेश शासन की गुल्लक भर सके।
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