बुधवार को प्रथम पूज्य श्री गणेश प्रकट उत्सव के साथ कोलारस के समीप पीलिया नासक हीरामन बाबा का मेला- Kolaras

कोलारस - दोपहर 12:23 बजे के उपरांत श्री गणेश जी की स्थापना करना शुभफलदायक होगा पण्डित नवल किशोर भार्गव ने निर्णय सागर सर्वाधिक प्रचलन वाले पंचांग से जानकारी संग्रहित कर प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए बताया कि श्री गणेशायनम: कल गणेश चतुर्थी व्रत है - श्री गणेश पूजन स्थापना समय - भाद्रपद शुक्ल पक्ष ४ बुधवार तारीख २७.८.२०२५ ई. को मध्यान्ह में श्री गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा शाखानुसार श्री गणेश पूजन का श्रेष्ठ समय वृश्चिक लग्न सहित मध्यान्हकाल माना गया है वृश्चिक लग्न दिवा १२।२३ से २।३९ तक श्री गणेश स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा।

पंचांग निर्णय सागर

सिद्धिविनायकव्रत (कृत्यरत्नावली) - यह भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीको किया जाता है इस दिन गणेशजीका मध्याह्नमें जन्म हुआ था अतः इसमें मध्याह्नव्यापिनी तिथि ली जाती है यदि वह दो दिन हो या दोनों दिन न हो तो 'मातृविद्धा प्रशस्यते' के अनुसार पूर्वविद्धा लेनी चाहिये इस दिन रवि या भौमवार हो तो यह' महाचतुर्थी' हो जाती है इस दिन रात्रिमें चन्द्रदर्शन करनेसे मिथ्या कलंक लग जाता है उसके निवारणके निमित्त स्यमन्तककी कथा श्रवण करना आवश्यक है अस्तु, व्रतके दिन प्रातः स्नानादि करके 'मम सर्वकर्मसिद्धये सिद्धिविनायकपूजनमहं करिष्ये' से संकल्प करके 'स्वस्तिक' मण्डलपर प्रत्यक्ष अथवा स्वर्णादिनिर्मित मूर्ति स्थापन करके पुष्पार्पणपर्यन्त पूजन करे और फिर १३ 'नामपूजा' और २१ 'पत्रपूजा' करके धूप, दीपादिसे शेष उपचार सम्पन्न करे। अन्तमें घृतपाचित २१ मोदक अर्पण करके 'विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं मे सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि ।।' से प्रार्थना करे और मोदकादि वितरण करके एक बार भोजन करे इस दिन राजपूताना प्रान्तमें प्राचीन शैलीकी पाठशालाओंके छात्रगण बड़ी धूमधामसे 'गणपतिचतुर्थी' मनाते हैं और महाराष्ट्रदेशमें इसके महोत्सव होते हैं।

(५) शिवाचतुर्थी (भविष्यपुराण) - शिवा, शान्ता और सुखा-ये ३ चतुर्थी होती हैं इनमें भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीकी 'शिवा' संज्ञा है। इसमें स्नान, दान, जप और उपवास करनेसे सौगुना फल होता है।

स्त्रियाँ यदि इस दिन गुड़, घी, लवण और अपूपादिसे अपने सास-श्वशुर या माँ आदिको तृप्त करें तो उनके सौभाग्यकी वृद्धि होती है। (माघ शुक्ल चतुर्थी शान्ता और भौमप्रयुक्त सुखा होती है।)

'श्रीकृष्णकी द्वारकापुरीमें सत्राजित्ने सूर्यकी उपासनासे सूर्यसमान प्रकाशवाली और प्रतिदिन आठ भार सुवर्ण देनेवाली 'स्यमन्तक' मणि प्राप्त की थी। एक बार उसे संदेह हुआ कि शायद श्रीकृष्ण इसे छीन लेंगे। यह सोचकर उसने वह मणि अपने भाई प्रसेनको पहना दी। दैवयोगसे वनमें शिकारके लिये गये हुए प्रसेनको सिंह खा गया और सिंहसे वह मणि 'जाम्बवान्' छीन ले गये। इससे श्रीकृष्णपर यह कलंक लग गया कि 'मणिके लोभसे उन्होंने प्रसेनको मार डाला।' अन्तर्यामी श्रीकृष्ण जाम्बवान्‌की गुहामें गये और २१ दिनतक घोर युद्ध करके उनकी पुत्री जाम्बवतीको तथा स्यमन्तकमणिको ले आये। यह देखकर सत्राजित्ने वह मणि उन्हींको अर्पण कर दी। कलंक दूर हो गया।'

🙏🏻जयश्रीमन्नारायण 🙏🏻
पं. नवल किशोर भार्गव 
मो.नं.9981068449

प्रसिद्ध हीरामन बाबा का मेला गणेश चतुर्थी के दिन 27 अगस्त को भरेगा 

कोलारस तहसील के अंतर्गत आने बाले ग्राम लेवा मैं स्थित प्राचीन हीरामन बाबा के मंदिर पर 27 अगस्त बुधबार को गणेश चतुर्थी के दिन भव्य मेला भरेगा जहां दूर दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।जानकारी के अनुसार कोलारस से ग्राम लेवा की दूरी मात्र 18 किलोमीटर के करीब है जहा आने जाने के लिए वाहन भी उपलब्ध रहते हैं यहां पर पीलिया की बीमारी हीरामन बाबा जी के नाम के बंद लगाने से ही ठीक हो जाती है जिसके चलते गणेश चतुर्थी के दिन भरने वाले मेले में यहां पर शिवपुरी जिले सहित ग्वालियर गुना अशोकनगर झांसी ब्यावरा इंदौर धार मंदसौर रतलाम ईसागढ़ विदिशा उत्तरप्रदेश राजस्थान सहित अनेक स्थानों से लोग आते हैं पीलिया की बीमारी ठीक होने पर प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी के दिन यहां पर लगने वाले मेले में लोग आते हैं और हीरामन बाबा मंदिर पर प्रसाद चढ़ाते हैं परिक्रमा लगाते हैं यहां पर 27 अगस्त बुधवार गणेश चतुर्थी के दिन भव्य विशाल मेला भरेगा।

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