
शाकिर खान कोलारस। कोलारस में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें कुकरमुत्तों की तरह फैलती जा रही हैं। डॉक्टर बिना किसी डिग्री के एलोपैथिक पद्घति से मरीजों का उपचार कर रहे हैं। इन झोलाछापों की लूट खसोट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब कोई इनकी मनमानी पर अंकुश लगाने की कोशिश करता है तो यह हाथ से दवा और इंजेक्शन छोडक़र इन्हीं हाथों से गोली चलाने तक की धमकी देने से भी नहीं चूकते। तब इनका झोलाछाप के रूप में गुंडागर्दी का चेहरा भी सामने आ जाता है। ऐसा ही वाक्य कोलारस में उस समय देखने को मिला जब कुछ समाचार पत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की करतूतों की कहानी स्वास्थ विभाग तक पहुंची। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछापों पर अंकुश लगाने के लिए एक कदम बढ़ाते हुए अवैध तरीके से क्लीनिक संचालित करने वाले झोलाछाप डॉक्टर मुनेश बाथम को नोटिस जारी किया गया। स्वास्थ्य विभाग का नोटिस मिलने के बाद झोलाछाप अपनी हकीकत को पचा नहीं पाया और तिलमिलाता हुआ स्वास्थ्य विभाग जा धमका। इसके बाद झोलाछाप ने हंगामा खड़ा कर दिया और उसका स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से झगड़ा हो गया। इसके बाद गुस्साए झोलछाप ने सरेआम शासकीय डॉक्टरों को गोली मारने की धमकी दे डाली। झोलाछाप की धमकी से भयभीत डॉक्टरों ने पुलिस की शरण लेना ही उचित समझा। इसके बाद बीएमओ अलका त्रिवेदी, डॉ. विवेक शर्मा के साथ उपस्थित स्टाफ के द्वारा थाने में पहुंच झोलाछाप डॉक्टर मुनेश के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने की शिकायत दर्ज कराई जिस के आधार पर पुलिस ने झोलाछाप मुनेश बाथम पर धारा 353, 223,294,506,427 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया।
अब देखना है कि क्या एक झोलाछाप की गुंडागर्दी के खिलाफ पुलिस में शिकायत और फिर मामला दर्ज के बाद अन्य झोलाछाप कोई सबक सीखेंगे, या फिर स्वास्थ्य विभाग अपनी कार्रवाई को जारी रखते हुए इन झोलाछापों को खदेडऩे में सफल होता है।