M.P. - दंड भोगने से अच्छा है RSS की शाखा में न जाएं सरकारी कर्मचारी - कांग्रेस मंत्री

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह ने RSS की शाखा में न जाने की हिदायत दी है. सांकेतिक फोटो
मध्य प्रदेश में सत्ता आते ही कांग्रेस ने वचनपत्र ने किए गए वादों पर अमल शुरू कर दिया है. शपथ लेने के तुरंत बाद कांग्रेस के मंत्रियों ने मांग की है कि सरकारी कर्मचारियों के RSS शाखा में जाने पर बैन लगे. वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह ने कहा है कि दंड भोगने से अच्छा है कि सरकारी कर्मचारी शाखा में न जाएं. इस मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी और संघ आर पार की लड़ाई में दिख रहे हैं.  
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में लिखा था कि सूबे में सरकार बनी तो सरकारी कर्मियों को आरएसएस शाखा में जाने पर बैन लगाया जाएगा.  अब मध्य प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस का कब्जा है और इसलिए शपथ लेते ही कमलनाथ के मंत्रियों ने साफ कर दिया कि आरएसएस की शाखा में शासकीय कर्मचारियों के जाने पर बैन लगवाएंगे.
वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दो टूक कह दिया है कि 'सरकारी कर्मचारियों को खुद ही समझ जाना चाहिए कि सरकार की क्या मंशा है. दंड भोगने से अच्छा है वे आरएसएस की शाखा में न जाएं.
वहीं एक और कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे ने भी कहा है कि सरकारी कर्मचारी या कोई भी विभाग हो उसमे राजनीति नहीं आनी चाहिए. राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ता है तो जनता का नुकसान होता है. इसलिए जो करना है बाहर करें. सरकारी तंत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और इसलिए वचनपत्र में जो निर्णय लिया गया है उस पर अमल किया जाएगा.  
आरएसएस का पलटवार
आरएसएस की शाखा में सरकारी कर्मियों के बैन के बयान पर आरएसएस ने पलटवार करते हुए कहा है कि ऐसा करना संविधान के खिलाफ होगा. आरएसएस के मध्य भारत प्रांत सह संघ चालक अशोक पांडे ने कहा है कि आरएसएस एक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन है. संविधान के अनुच्छेद 19 के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी सांस्कृतिक संगठन में भाग लेने का अधिकार है. जब आरएसएस अखिल भारतीय स्तर और प्रतिबंधित हो जाए तभी उसकी गतिविधियों में जाने और बैन लगाया जा सकता है. कल को आप बोलोगे की आप खेलोगे नहीं, आप घूमने नहीं जाओगे, आप मंदिर नहीं जाओगे. ऐसा नहीं हो सकता. हम उसको चुनौती देंगे.  
बीजेपी ने बताया आपातकाल
बीजेपी तो जैसे ऐसे किसी बयान का इंतजार ही कर रही थी. बीजेपी ने कहा की ये आपातकाल है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि स्वयंसेवकों पर प्रतिबंध यानी स्वयंसेवक यदि सरकारी सेवा में है और शाखा नहीं जा सकते तो ये मौलिक अधिकारों का हनन है. अगर इस प्रकार की हिमाकत की गई तो उसका जवाब उसी तर्ज पर दिया जाएगा क्योंकि जो भाषा कांग्रेस के मंत्री बोल रहे हैं वो आपातकाल जैसे स्थिति है.

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