रिश्तेदारी निभाने के लिए बदरवास क्षेत्र के कांग्रेसियो ने अपने ही आका के साथ किया दगा



कोलारस- देश भर में लोकसभा के चुनावो की प्रक्रिया 23 मई को मतगणना के साथ सम्पन्न हो चुकी है केन्द्र में पुन: भाजपा की सरकार 30 मई को शपथ ग्रहण करने बाली है गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र जो कि आजादी के बाद से अभी तक महल का गढ माना जाता था जिसे भाजपा के द्वारा चलाये गये राष्टï्रबाद के अभियान ने देश के साथ-साथ गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र का महल का गढ तक तवाह कर दिया। अचम्भे बाली बात यह है कि अभी तक कोलारस विधानसभा क्षेत्र हमेंशा से महल के नाम पर सिंधिया को चुनाव जिताते चली आई थी उसी परम्परा को पहली बार कोलारस में टूटते हुये देखा गया जबकि पिछोर विधानसभा में वहां के स्थाई नेता केपी सिंह से भी अधिक मतो से जीत सिंधिया को पिछोर में मिली जबकि सदैव से कोलारस विधानसभा जीतने बाले सिंधिया को हार का सामना क्यो करना पडा इसके लिए आत्म मंथन करने की आवश्यकता है और यदि आत्म मंथन नही किया गया तो आने बाले चुनावो में महल के प्रत्याशी ही नही कांग्रेसियो को भी इसका खामियाजा भुगतना पड सकता है। 

स्वयं जीते चुनाव किन्तु रिश्तेदारी की खातिर आका को हराया चुनाव 
कोलारस विधानसभा क्षेत्र से पहली बार ज्योरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पडा है जब से महल का प्रत्याशी लोकसभा का चुनाव लडा है कोलारस क्षेत्र की जनता ने उसे लोकसभा के चुनावो में जीत दिलाई है किन्तु इस बार का परिणाम कांग्रेस के लिए आत्म मंथन करने का सवक अवश्य दिलाता है कि किस कारण कोलारस विधानसभा से सिंधिया को हार का सामना करना पडा है। आंकडे यह बताने के लिए पर्याप्त सबूत है कि बदरवास क्षेत्र के करीब एक दर्जन ऐसे कांग्रेसी नेता है जो स्वयं चुनाव जीतकर आज भी जनप्रतिनिधि के रूप में मौजूद है। उन्ही के काले कारनामो के कारण पूर्व में विधानसभा के चुनाव में हार का सामना करना पडा और पहली बार महल के किसी प्रत्याशी को बदरवास ब्लॉक से हार का सामना करना पडा उसका सबसे बडा कारण कांग्रेस के कई नेताओ की भाजपा प्रत्याशी के साथ रिश्तेदारी के बाद रिश्तेदारो का दबाव एवं बैठको के कारण कांग्रेस के कई नेता जो कि चुनाव जीतकर स्वयं तो जन प्रतिनिधि बन गये किन्तु उन्होने रिश्तेदारी की खातिर अपने ही आका यानि कि सिंधिया को चुनाव हरवा दिया। यदि राष्टï्रवाद के नाम पर मोदी नाम की सुनामी थी तो छिंदवाडा एवं पिछोर में कांग्रेस को विधानसभा से अधिक मतो से जीत क्यो मिली लहर का एक अपना प्रभाव होता है किन्तु कोलारस विधानसभा क्षेत्र के बदरवास ब्लॉक में सिंधिया को मिली हार का सबसे बडा कारण कांग्रेसी जन प्रतिनिधियो द्वारा भाजपा प्रत्याशी से रिश्तेदारी एवं स्वयं के समाज का अधिक वोट बैंक होने के कारण स्वयं की पोलिंग को छोड कर शेष पोलिंगो पर चुनाव हरवा कर सिंधिया को पहली बार कोलारस विधानसभा क्षेत्र के बदरवास ब्लॉक से हार का स्वाद चखना पडा है। यदि इन सब के बाद भी सिंधिया आत्म मंथन करने के बाद ऐसे जय चंदो को सवक नही सिखा पाते है तो सिंधिया ही नही कांग्रेस के अन्य लोगो को स्थानीय एवं विधानसभा के चुनावो में हार का स्वाद चखना पड सकता है। 


सिंधिया स्वयं चुनाव लडे अथवा नही किन्तु कांग्रेस के जयचंदो को सवक अवश्य शिखाये
लोकसभा चुनाव के पूर्व से हमारे द्वारा सिंधिया को कई बार अवगत कराया गया कि आप हमेंशा से चुनाव जीतते आये हो किन्तु आपकी पार्टी में कई ऐसे जयचंद मौजूद है जो कि नोटो की खातिर, पद की खातिर तो कभी समाज के नाम पर सौदेवाजी करके कांग्रेस को नीचा दिखाते आये है। ऐसे कांग्रेसी जयचंदो को सवक नही सिखाया गया तो आने बाले समय में कांग्रेस को परेशानी खडी होगी सिंधिया को ऐसे जयचंदो के नाम सहित कई बार अवगत कराया गया किन्तु स्वयं चुनाव जीतने तथा राष्टï्रीय महा सचिव होने के कारण सिंधिया ने उन बातो पर गौर नही किया। जिसका परिणाम यह रहा कि पिछोर में कमजोर टीम होने के बाद भी जीत मिली जबकि कोलारस में एक दर्जन से अधिक संगठन एवं पद दिलाने के बाद भी सिंधिया को कोलारस विधानसभा से हार का सामना करना पडा है। लोकसभा चुनाव में भले ही सिंधिया को पहली बार मात मिली हो किन्तु कोलारस में कांग्रेस केे जयचंदो ने लोकसभा चुनाव से पूर्व तीन बार सिंधिया के समर्थित लोगो को हार का स्वाद चखाया जिसके बाद सिंधिया ने सब कुछ जानते हुये भी मौन साधे रखा जिसका परिणाम सिंधिया को स्वयं हार के रूप में झेलना पडा है। लोकसभा चुनाव से पूर्व जिला पंचायत के चुनाव में बदरवास क्षेत्र के कांग्रेसिंयो ने जिला पंचायत सदस्य का वोट वेच कर सबसे पहले सिंधिया को नीचा दिखाया। उसके पहले पूर्व विधायक रहे राम सिंह यादव को उन्ही के समाज के जयचंदो ने पार्टी में होने के बाद भी भितरघात करके 238 मतो से सिकस्त देकर सिंधिया के सामने दूसरी चुनौती पेश की इसके बाद अभी हाल ही में सम्पन्न हुये विधानसभा के चुनावो में भी कोलारस बदरवास क्षेत्र में कांग्रेस के जयचंदो ने भितरघात करके लगातार तीसरी बार सिंधिया को कोलारस में नीचा दिखाने का कार्य किया। विधानसभा चुनावो के परिणाम के बाद हमारे द्वारा कई बार सिंधिया को कांग्रेस के जयचंदो के बारे में अवगत कराया गया किन्तु सिंधिया द्वारा अभी तक स्वयं चुनाव जीतने के कारण उस पर ध्यान नही दिया। केवल फटकार तक उन्हे लाईन पर लाने का कार्य किया उन्ही ने भाजपा प्रत्याशी से रिश्तेदारी निभाते हुये अपने ही आका यानि कि सिंधिया को पहली बार कोलारस विधानसभा क्षेत्र से हरा कर सिंधिया को नीचा दिखाने की चुनौती पेश कर दी है। देखना है सिंधिया इसके बाद कोई कार्यवाही करते है अथवा पूर्व की तरह फटकार लगा कर मौन साध लेते है। 

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