
गुजरात की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले सूरत के एक कोचिंग संस्थान में हुई आगजनी और मौतों के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी सजग हो गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के सभी कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने व इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव से कहा है कि सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित करें कि वे अपने-अपने जिले में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करें.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सभी कोचिंग संचालकों की बैठक कर सुरक्षा के आवश्यक मापदंड बनाए जाएं. साथ ही इन संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या व उसके आधार पर उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी चर्चा करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूरत की घटना एक सबक है. प्रदेश में इस तरह की घटनाएं न हों इसके लिए सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए जाने चाहिए. साथ ही इस तरह की घटनाओं पर जवाबदेही भी तय होनी चाहिए.
भोपाल में कमिश्नर ने बनाई टीम
सूरत में कोचिंग हादसे के बाद भोपाल की संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने चार टीमें तैयार कर पूरे भोपाल के कोचिंग संस्थानों का ब्योरा इकट्ठा करने के निर्देश दिए हैं. कोचिंग संस्थानों को संभाग आयुक्त द्वारा दिए गए सुरक्षा मानकों के निर्देश का पालन करने के लिए 28 मई तक का समय दिया गया है. टीम द्वारा कोचिंग संचालकों को इन आदेशों को मानना जरूरी होगा.
कोचिंग संस्थानों पर होगी निगरानी
मध्य प्रदेश में अब कोचिंग संस्थानों को खास सतर्कता बरतनी होगी. कोचिंग संस्थान जिस जगह चालाए जाएंगे वहां की इमारतों की सुरक्षा का खास ध्यान रखना होगा और आग से बचने के लिए फायर सेफ्टी पर ध्यान देना होगा. अपातकालीन स्थिति में निकलने के लिए कोचिंग संस्थानों को इमरजेंसी गेट की व्यवस्था करनी होगी.
संस्थानों को यह तय करना होगा कि लिफ्ट सही ढंग से काम कर रही है या नहीं. सुरक्षा के मानकों का खास ध्यान रखना होगा. सभी संस्थानों में पार्किंग की व्यवस्था का ध्यान रखना होगा. हर संस्थान में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की व्यवस्था करनी होगी.
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