मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बड़ा फैसला, शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ी

नरेंद्र मोदी [फाइल फोटो]

नरेंद्र मोदी एक बार फिर सत्ता में वापसी कर चुके हैं और दोबारा सरकार बनाते ही मोदी सरकार-2 ने अपना पहला और बड़ा फैसला ले लिया है. इस फैसले के तहत सरकार ने शहीदों के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप बढ़ा दी गई है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो ट्वीट किया है. जिसमें वो दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को ट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा है 'हमारी सरकार का पहला फैसला भारत की रक्षा करने वालों को समर्पित है! राष्ट्रीय रक्षा कोष के तहत पीएम छात्रवृत्ति योजना में स्वीकृत बड़े बदलाव, जिनमें आतंकी या माओवादी हमलों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए बढ़ाई गई छात्रवृत्ति शामिल है.'
Our Government’s first decision dedicated to those who protect India!

Major changes approved in PM’s Scholarship Scheme under the National Defence Fund including enhanced scholarships for wards of police personnel martyred in terror or Maoist attacks. http://nm-4.com/rdp8 
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नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद संभाल लिया है. जिसके बाद मोदी सरकार का पहला फैसला शहीदों के परिवारों के नाम रहा. इसका फायदा शहीद पुलिसवालो के बच्चों को भी मिलेगा. नेशनल डिफेंस फंड के तहत प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप स्कीम में स्कॉलरशिप की राशि बढ़ाई गई है.
Prime Minister Narendra Modi has approved the following changes: Rates of scholarship have been increased from Rs. 2000 per month to Rs. 2500 per month for boys and from Rs. 2250 per month to Rs. 3000 per month for girls. (1/2)
Prime Minister has approved the following changes: Ambit of the Scholarship Scheme is extended to the wards of State Police officials who are/were martyred during terror/naxal attacks. The quota of new scholarships for wards of state police officials will be 500 in a year.
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इस बदलाव के तहत लड़कियों के लिए स्कॉलरशिप की रकम 2250 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए प्रति महीने कर दी गई. दूसरी तरफ लड़कों के लिए स्कॉलरशिप 2000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति महीने की गई है. छात्रवृत्ति योजना के दायरे को उन राज्य पुलिस अधिकारियों तक बढ़ाया गया है जो आतंकी/नक्सली हमलों के दौरान शहीद हो चुके हैं. राज्य पुलिस अधिकारियों के लिए नई छात्रवृत्ति का कोटा एक साल में 500 छात्रवृत्तियों का होगा.

राष्ट्रीय रक्षा कोष (NDF) की स्थापना 1962 में की गई थी ताकि राष्ट्रीय रक्षा प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सके. इस फंड में स्वेच्छा से राशि दान की जा सकती है. वर्तमान में इस फंड का उपयोग सशस्त्र बलों, पैरा सैन्य बलों और रेलवे सुरक्षा बल के सदस्यों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए किया जा रहा है. कोष को एक कार्यकारी समिति के जरिए चलाया जा रहा है. जिसमें प्रधानमंत्री अध्यक्ष के तौर पर और रक्षा, वित्त और गृह मंत्री सदस्य के तौर पर काम करते है.

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