
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें गया था कि उन्होंने दिल्ली में बंगले का आंवटन बरकार रखने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 23 मई को आए जनादेश को पूरी विनम्रता से स्वीकार करते हुए मैंने सरकार द्वारा प्रदत्त बंगले को खाली करने की प्रक्रिया शुरू करी. मेरा कभी भी किसी जगह पर अनाधिकृत रूप से रहने का इरादा नहीं रहा. मेरे द्वारा ऐसा कोई भी अनुरोध किए जाने की ख़बरें पूर्ण रूप से भ्रामक हैं.
सिंधिया ने कहा कि सरकार द्वारा जारी किया गए No-Dues प्रमाण-पत्र ये साबित करता है कि मैंने बंगला खाली कर दिया है. मैं सदैव से नियम-कानून से बंधा और उनका पालन करने वाला जिम्मेदार नागरिक रहा हूं. मेरे बारे में इस तरह की भ्रामक ख़बरें प्रचारित करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.
23 मई को आए जनादेश को पूरी विनम्रता से स्वीकार करते हुए, मैंने सरकार द्वारा प्रदत्त बंगले को खाली करने की प्रक्रिया शुरू करी। मेरा कभी भी किसी जगह पर अनाधिकृत रूप से रहने का इरादा नही रहा।
मेरे द्वारा ऐसा कोई भी अनुरोध किए जाने की ख़बरें पूर्ण रूप से भ्रामक है। @PTI_News
सरकार द्वारा जारी किया गए No-Dues प्रमाण-पत्र ये साबित करते हैं कि मैंने बंगला खाली कर दिया है।
मैं सदैव से नियम-कानून से बंधा और उनका पालन करने वाला जिम्मेदार नागरिक रहा हूँ। मेरे बारे में इस तरह की भ्रामक ख़बरें प्रचारित करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
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इससे पहले रिपोर्ट में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने बंगले का आवंटन बरकरार रखने के सिंधिया के अनुरोध को ठुकरा दिया है.
2002 से 2019 के बीच मध्य प्रदेश के गुना से लोकसभा सदस्य रहे सिंधिया के नाम पर 27, सफदरजंग रोड स्थित बंगला आवंटित था, लेकिन 2019 के आम चुनाव में वह हार गए. पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद उन्हें यह बंगला आवंटित किया गया था.