हरीश भार्गव- हार्दिक गुप्ता- मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश चीफ यानि कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए कई दावेदारो के नाम निकल कर सामने आ रहे है। कांगे्रस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही खबरो के बीच कांग्रेस के राष्टï्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से शुक्रवार की दोपहर कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के नाम के लिए चर्चा की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बर्तमान में कांग्रेस के अध्यक्ष भी है उन्होने स्वयं की जगह सबको साथ लेकर चलने बाले व्यक्ति को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की राय राष्टï्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को दी। कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द से जल्द राष्टï्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी कर सकती है। कांग्र्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई उम्मीदवारो के नाम सुर्खियो में बने हुये है। देखना है कि इन्ही नामो में से कांग्रेस राष्टï्रीय अध्यक्ष एक नाम फाईनल करती है अथवा प्रदेश अध्यक्ष के लिए नये नाम पर पार्टी मोहर लगाती है। कुल मिलाकर कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के साथ ही कांग्रेस में फूट यानि कि टूटने की संभावना नजर आ रही है। क्योकि कांग्रेस में जो 28 विधायक मंत्री है उनको छोडकर शेष करीब 90 के आस-पास विधायक सरकार की जगह किसी न किसी गुट में शामिल है। जो कि नये प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ स्वयं को मंत्री बनते हुये देखने का ख्याव 90 से अधिक विधायक पाले बैठे है। कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जो लॉविंग हो रही है उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय सिंह, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, जीतू पटवारी के नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड में दिखाई दे रहे है। इनमें से ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय सिंह के निवास पर 2-2 दर्जन विधायको ने प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस के राष्टï्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की है। कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व विधायक अजय सिंह जैसे चारो नेताओ की सहमति मिलने के बाद भी कांग्रेस मध्य प्रदेश का अध्यक्ष का नाम तय कर सकती है। कुल मिलाकर कांग्रेस के इन चारो नेताओ के पास 2-2 दर्जन के करीब विधायको की संख्या मौजूद है इनमें से एक भी नेता के नाराज होने से प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होने के साथ ही मध्य प्रदेश की सरकार जा सकती है।
सिंधिया या सिंह में से एक के अध्यक्ष बनते ही प्रदेश की सरकार खतरे में
कांगे्रस में कमलनाथ के बाद अगला अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्द तय करेंगी ऐसा माना जा रहा है
किन्तु कांग्रेस के सूत्रो पर विश्वास करें तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस इस समय तीन भागो में बटी हुई है। जिसमें मंत्री मण्डल में शामिल कुछ विधायक कमलनाथ के साथ है तो कुछ विधायक अजय सिंह के पक्ष में खडे हुये है। जिनमें अधिकांश विधायक राजपूत अथवा दिग्विजय सिंह कोटे के दिखाई दे रहे है। इसी क्रम में ग्वालियर चंबल संभाग के ऊर्जावान नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी मंत्री मण्डल के कुछ सदस्यो सहित करीब दो दर्जन के आस-पास विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की बकालात कर रहे है। यह तय है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ कि जगह नया प्रदेश अध्यक्ष जल्द घोषित हो सकता है यदि सिंह ब्रदर्स में से कांग्रेस का अध्यक्ष चुना जाता है तो महल एण्ड कंपनी का नाराज होना तय है। महल एण्ड कंपनी के लोग पूर्व में ही घोषणा कर चुके है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नही बनाया गया तो ज्योरिादित्य सिंधिया नई पार्टी अथवा दूसरी पार्टी में भी जा सकते है। यही हालात कुछ सिंह ब्रदर्स यानि कि अजय सिंह एण्ड दिग्विजय सिंह कंपनी के अंदर भी दिखाई दे रहे है। यदि सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो सिंह ब्रदर्स में से कई विधायक कांग्रेस का दामन छोड सकते है। कुल मिला कर कांग्रेस के लिए प्रदेश अध्यक्ष चुनना किसी खतरनाक चुनौती से कम नही है क्योकि प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होते ही एक धडे पर कांग्रेस के अलग होने का खतरा साफ-साफ वयानो के आधार पर दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के इंतजार में भाजपा नेत्रत्व
मध्य प्रदेश से लेकर केन्द्र में भाजपा का नेत्रत्व इस समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति को लेकर मौन साधे हुये है भाजपाई यह तय मानकर चल रहे है कि कांग्रेस के अंदर पनप रही गुटवाजी भाजपा के लिए कर्नाटक की तरह बरदान साबित हो सकती है। केन्द्र में बैठी भाजपा की सरकार राज्यसभा में बहुमत लाने के लिए देशभर से कांग्रेस एवं विरोधियो को खत्म करने में जुटी हुई है इसी क्रम में लोकसभा के चुनाव के बाद केन्द्र की निगाह कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान पर टिकी हुई है कि किस प्रकार इन राज्यो में भी भाजपा की सरकार बने और राज्यसभा में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिले। भाजपा की निगाह बर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर टिकी हुई है भाजपा यह तय मानकर चल रही है कि कांग्रेस के अंदर पनप रही गुटवाजी के चलते प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होते ही एक धडा टूट कर नई पार्टी अथवा भाजपा के साध आ सकता है। कांग्रेस में इस समय सिंधिया गुट, अजय सिंह गुट, दिग्विजय सिंह गुट, कमलनाथ गुट, पचौरी गुट हावी है इनमें से एक गुट का प्रदेश अध्यक्ष घोषित होते ही दूसरे गुटो के नेता टूट कर नई पार्टी बनाकर भाजपा के समर्थन से मध्य प्रदेश में सरकार बनाने का दाबा पेश कर सकते है अथवा नियमानुसार विधायको का आंकडा पूर्ण होने पर भाजपा में शामिल हो सकते है।
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