विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, मोदी-शी की बातचीत वुहान शिखर सम्मेलन के बाद की प्रगति पर केंद्रित रही है। उन्होंने कहा कि चीन ने भारतीय व्यापारियों को सूचना प्रौद्योगिकी और दवा क्षेत्र में निवेश का न्यौता दिया है। मोदी-जिनपिंग अनौपचारिक वार्ता चीन में होगी, प्रधानमंत्री ने न्यौता स्वीकार किया है।
गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं ने महसूस किया कि दोनों देशों को महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने नियम आधारित वैश्विक व्यापार प्रणाली के महत्व पर जोर दिया है। शी ने आश्वासन दिया कि क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर भारत की चिंताओं पर विचारविमर्श किया जाएगा।
विदेश सचिव ने कहा कि शी ने रक्षा सहयोग बढ़ाने की जरूरत के बारे में बात की और व्यापार और निवेश संबंधी मुद्दों के लिए एक नयी प्रणाली स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन व्यापार घाटा कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की खातिर तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शनिवार को यहां हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने की वकालत की। दोनों देशों के बीच शुरु हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा,“ चेन्नई भारत और चीन के बीच रिश्तों का साक्षी बना है और इस बैठक से दोनों देशों के बीच एक नया अध्याय शुरु हो रहा है।”
जिनपिंग ने कहा कि पिछले वर्ष वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक काफी सकारात्मक थी। उन्होंने कहा कि मैं भारत में स्वागत से अभिभूत हूं और उनका यह भारत दौरा यादगार रहेगा। जिनपिंग ने कहा,“अनौपचारिक बातचीत से दोनों देशों के रिश्तों में गरमाहट आयी है। भारत और चीन के बीच आपसी सहयोग बढ़ा है। यह आगे भी जारी रहेगा।