शिवपुरी के बाजारों में गन्ने की बिक्री के लिए किसान आ चुके हैं। गन्ने की पूजा के साथ भगवान की अराधना इस दिन की जाती है। द्वार पर दीपक जलाए जाते हैँ और देवता का आव्हान किया जाता है।हिंदू धर्म ग्रंथों में कार्तिक शुक्ल एकादशी को देव जागरण का पर्व माना गया है,इस दिन श्री हरि जाग जाते हैं। इस पावन तिथि को देवउठनी ग्यारस या देव प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। इस बार यह एकादशी 8 नवंबर को है। चार महीने से विराम लगे हुए मांगलिक कार्य भी इसी दिन से शुरू हो जाते हैं।विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने शंखासुर नामक भयंकर राक्षस का वध किया था और फिर आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे हरिशयनी एकादशी कहते हैं,को क्षीर सागर में श्री हरि ने शेषनाग की शय्या पर शयन किया। चार मास की योग निद्रा त्यागने के बाद भगवान विष्णु के जागने का तात्पर्य है कि चार मास में स्वाध्याय,पूजा-अर्चना से अर्जित ऊर्जा को हम सत्कर्मों में बदल दें ताकि हमारे सद्गुणों का प्रभाव हमारे जीवन में दिखें।