NCP ने भी मांगे थे 3 दिन, हालात देख राज्यपाल ने की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश

एनसीपी नेताओं के साथ राज्यपाल कोश्यारी
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर 18 दिन तक चले खींचतान के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. बीजेपी और शिवसेना के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था, लेकिन उससे पहले ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, एनसीपी ने मंगलवार सुबह राज्यपाल से संपर्क किया था और सरकार बनाने के लिए 3 दिन का समय मांगा था. हालांकि राज्यपाल का मत था कि कोई भी पार्टी ऐसे स्थिति में नहीं है कि वह सरकार बना सके.
मंत्रालय के मुताबिक, राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चुनाव हुए 15 दिन हो गए, लेकिन कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं दिखी.
राज्यपाल ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि ऐसी परिस्थिति में महाराष्ट्र सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता. गृह मंत्रालय ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा वाली संचिका राष्ट्रपति के पास भेजी, जिसके बाद उन्होंने इस बाबत अपनी सहमति दी.
इससे पहले, रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा था कि वह अपने गठबंधन के साथी शिवसेना के रुख को देखते हुए महाराष्ट्र में सरकार गठन नहीं करेगी.
288 सदस्यीय विधानसभा में, भाजपा 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और वह शिवसेना के साथ आसानी से सरकार बनाने की स्थिति में थी, लेकिन 56 सदस्यों वाली शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद की वजह से भाजपा का साथ देने से इनकार कर दिया था.

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