खनियाधाना के ग्राम प्रतापपुरा में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

शिवपुरी जिले के खनियांधाना थाना क्षेत्र के ग्राम प्रतापपुरा में जहाँ रविवार को एक ही परिवार के चार लोगों की मौत का मामला सामने आया हैं। जानकारी के अनुसार मृतकों में दो मासूम बच्चे भी मौजूद हैं। बड़े बच्चा का शब पिता के पैरों से बंधा कुएं में मिला हैं। जबकि पत्नी और छोटे बच्चे का शब घर मे मिला पुलिस जांच में जुटी। शबो को देखने के नजरिये से हत्या का मामला लगता हैं। पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना चालू कर दी हैं। जहां पुलिस को सदिंग्ध अवस्था में समस्त परिवार की मौत होने की सूचना मिली हैं। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी मची हुई। घटना की स्थिती को देखते हुए बताया जा रहा हैं कि यह घटना हत्या और आत्महत्या की हैं,वही इस मामले में बताया जा रहा हैं कि घर के मुखिया को अपनी पत्नि के चरित्र पर संदेह था।
इस सूचना पर तत्काल खनियाधाना थाने के टीआई,पिछोर टीआई और तहसीलदार पिछोर सहित पुलिसकर्मियो की टीम ग्राम प्रतापपुरा में पहुंची। बताया गया हैं कि गांव में निवास करने वाला वृंदावन पाल पुत्र वैभवप्रसाद पाल उम्र 32 वर्ष पत्नि कृष्णापाल उम्र 28 वर्ष बडा बेटा यशपाल उम्र 7 वर्ष और छोटा बेटा कल्ला उम्र 3 वर्ष की मौत हो गई। पत्नि कृष्णा पाल और छोटे बेटे रोहित उर्फकल्ला की लाश घर में पलंग पर पडी मिली हैं।
पुलिस को बताया कि वृंदावन पाल के परिवार को शनिवार की रात 10 बजे तक देखा गया था। रात 10 बजे तक सब सामान्य था। सुबह जब पडोसियो ने देखा कि सुबह 9 बजे तक वृंदावन पाल के घर के दरवाजे नही खुले हैं जब पडौस में रह रहे वृंदावन पाल के चाचा के लडके ने घर में घुसकर देखा तो उसके होश उड गए। घर में कृष्णा और कल्ला की लाश पडी हैं। घर में वृंदावन और उसका बडा बेटा यशपाल नही दिखा। थोडी देर में इसी गांव में एक और बुरी खबर आ गई की गांव के एक कुंए में वृंदावन और उसके बडे बेटे की लाश में तैरती दिखाई दे रही हैं। लाशो को जब निकाला गया तो देखा तो वृंदावन ओर उसके बेटे की पैर रस्सी से बंधे हुए हैं।
बताया जा रहा हैं कि मृतक वृंदावन की पत्नि कृष्णा के गल्ले पर हाथ के निशान हैं शिवपुरी से पहुंची फोरेंसिक टीम ने गले के निशानो के फिंगर प्रिंट लिए हैं। पुलिस को जांच में भी ऐसे कोई सबूत नही मिले हैं कि इस घर में किसी लूटपाट या वाद-विवाद ओर विरोध जैसे साक्ष्य नही मिले हैं।
वृंदावन और उसके बेटे यशपाल को जवरिया कुंए तक ले जाने जैसे कोई साक्ष्य या निशान पुलिस को नही दिखे हैं,ऐसी स्थिती में अनुमान लगाया जा रहा हैं कि वृंदावन ने ही इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया हैं,उसने ही सोती हुई पत्नि का गला दबाया हैं और अपने छोटे बटे की सांसे रोककर हत्या की हैं।
इसके बाद उसने अपने बेटे यशपाल को उठाकर अपने और उसके पैर में रस्सी बांधकर कुंए में कूंदा हैं,लेकिन दबी जुबान में गांव में चर्चा हैं कि उसको अपनी पत्नि के चरित्र पर संदेह हैं। और इसी संदेह की परिणीति में यह काण्ड हुआ हैं। अभी पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हैं,इस घटनाक्रम के सभी पहलुओ पर बारिकी से जांच की जा रही हैं।
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