नई दिल्ली. देश में कोविड 19 महामारी (Covid 19) के कारण प्रभावित हो रही अर्थव्यवस्था को शक्ति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज (20 lakh crore rupee) का ऐलान किया है. बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस पैकेज के इस्तेमाल पर जानकारी दे रही हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में आत्मनिर्भर बनने की पूरी क्षमता है. सरकार लोगों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाने का प्रयास कर रही है.
वित्त मंत्री ने कहा कि समाज के कई वर्गों से बातचीत कर पैकेज तैयार किया गया है. पैकेज के जरिए ग्रोथ को बढ़ाना है. भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है.वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्थानीय ब्रांड को दुनिया में पहचान दिलानी है. आत्मनिर्भर भारत का मतलब आत्मविश्वासी भारत है. जो स्थानीय स्तर पर उत्पाद बनाकर ग्लोबल उत्पादन में योगदान करे, अपने तक सीमित न रहे.संकट में फंसे मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों (MSME) के लिए 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित. MSME को चार साल तक बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन दिया जाएगा. 2 लाख MSME को 20 हजार करोड़ रुपये से लाभ होगा.मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों (MSME) को विस्तार के लिए 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित. इस फंड से MSME रुका हुआ काम शुरू कर सकेंगी. अपनी क्षमता बढ़ाने में इससे उन्हें मदद मिलेगी.
#WATCH Live from Delhi: FM Nirmala Sitharaman briefs the media #Economicpackage pscp.tv/w/cYpy5zFwempN …
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1 करोड़ रुपये तक का निवेश और 5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट में आएंगी.
ANI

@ANI
Definition of MSMEs has been revised, investment limit to be revised upwards, additional criteria of turnover also being introduced: Finance Minister Nirmala Sitharaman
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Definition of MSMEs has been revised, investment limit to be revised upwards, additional criteria of turnover also being introduced: Finance Minister Nirmala Sitharaman
10 करोड़ रुपये तक का निवेश और 50 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियां स्मॉल यूनिट में आएंगी.20 करोड़ रुपये तक का निवेश और 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियां मीडियम यूनिट में आएंगी.200 करोड़ रुपये का टेंडर अब ग्लोबल टेंडर नहीं माना जाएगा. इससे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को बल मिलेगा.45 दिनों के अंदर मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों (MSME) के सरकारी स्तर पर बकाया धनराशि का भुगतान करने का प्रयास किया जाएगा.
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