अतिबर्षा प्रभावित पटवारियों पर अधिक काम , महिला पटवारी फ्री हेंड, निजी कर्मचारी पर कार्यालय मैं सरकारी कर्मचारियों से ज्यादा भार

अतिबर्षा प्रभावित पटवारियों पर अधिक काम , महिला पटवारी फ्री हेंड, निजी कर्मचारी पर कार्यालय मैं सरकारी कर्मचारियों से ज्यादा भार


नदी किनारे के पटवारियों को 2 सहायक पटवारी देने की आवश्यकता

कोलारस - अतिबर्षा और बाढ़ के हालात ने सर्वाधिक काम का भार राजस्व विभाग पर डाला है तहसीलदार अखिलेश शर्मा ने कोरोना मैं दिन रात काम किया इनके बाद एक वार फिर उनके विभाग की परीक्षा की घड़ी है। काम बड़ा है ,राजस्व मैं ईमानदारी से कम करने वाले पटवारियों के अकाल है, महिला पटवारी इन कामों मैं कोई मदद प्रदान नही कर रही है क्योंकि कोई भी  मुख्यालय पर निवास नही कर रहा है। इस समय नदी किनारे पदस्थ पटवारियों पर बडी जिम्मेदारी है और उनको खुद को साबित करना है स्थिति यह है कि तहसील कार्यालय मैं सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ प्राइवेट कर्मचारी दिन रात काम मैं जुटे है। पूर्व मैं जहां तहसील कार्यालय मैं कंप्यूटर ऑपरेटर का अकाल था आज कई ऑपरेटर काम करते नजर आ रहे है। ग्रामीण अंचलों मैं हुई हानि का त्वरित सर्वे कर राहत राशि हेतु कागज मुख्यमंत्री द्वारा निर्देशित तरीके से भेजे जाना है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की इस क्षेत्र पर लगातार नजर है।कही वो अधिकारी वर्ग से गूगल मीट कर रहे है तो कही क्षेत्रीय किसानों से सीधे बात करने का भी आदेश दे रहे है। इस काम मैं कार्यालय स्तर पर महिला कर्मचारियों से कोई काम नही लिया जा रहा है उन्हें फ्री हैंड करना अन्य अमले को समझ नही आ रहा है। ये भेदभाव पूर्ण रवैया अन्य अमले को रास नही आ रहा । यहां तक कि बीते रविवार को भी तहसील कार्यालय मैं खुद तहसीलदार दिनभर काम करते रहे और उनका निज अमला भी लगा रहा ये राजस्व विभाग के लिए बडी चुनौती है इसमें लापरवाही या गैरजिम्मेदाराना रवैया किसी को भी इधर उधर कर सकता है।कोई
भी वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्यमंत्री के कोप का भाजन बन सकता है।

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