शनिवार को धनतेरस के साथ दीपोत्सव पर्व प्रारम्भ, मंगलवार को सूर्य ग्रहण के कारण 1 दिन बड़ने से 6 दिन रहेगा दीपावली का माहौल - Kolaras

कोलारस - शनिवार 22 अक्टूबर को धनतेरस के साथ दीपोत्सव पर्व प्रारम्भ होगा वैसे दीपोत्सव पर्व 05 दिवस का होता है किन्तु इस बार दीपोत्सव पर्व के बीच में सूर्य ग्रहण होने के कारण घरों में 6 दिन तक दीपावली पर्व की रौनक रहेगी पंडित नवल किशोर भार्गव जी के द्वारा काशी विश्वनाथ पंचाग के मत अनुसार इस बार दीपोत्सव का प्रथम दिवस यानि की धनतेरस 22 अक्टूबर शनिवार को मनाई जायेगी, 23 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी यानि की छोटी दीपावली का पर्व मनाया जायेगा तथा अगले दिन 24 अक्टूबर सोमवार को महालक्ष्मी कुबेर पूजन के रूप में दीपावली का पर्व मनाया जायेगा अगले दिन मंगलवार को सूर्य ग्रहण के कारण सूतक होने से गोवर्धन पूजा मंगलवार की जगह बुधवार 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा की जायेगी, 27 अक्टूबर गुरूवार को भाई दौज के साथ दीपोत्सव का 05 दिवसीय पर्व इस वार सूर्य ग्रहण के कारण 6 दिन तक दीपावली का माहौल वैष्णव संप्रदाय के लोग मनायेगे।


आप सभी को दिपावली महोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

दिपावली पर्व धनतेरस 22 अक्टूबर शनिवार से प्रारंभ होकर यम द्वितीय भाई दूज 27 अक्टूबर 2022 को समापन होगा।

धनतेरस दिनांक 22 2022 शनिवार को शाम 5ः42 से 8ः14 तक दीपदान शुभ है चतुर्मुख दीपक प्रज्वलित करें एवं यम देव का ध्यान करें उन्हीं के निमिन्त ए दीप दान करें दीप दान करें अपने घर के मुख्य द्वार पर यमदेव को दीप दान करने से अपमृत्यु का नाश होता है।

रूपचतुर्दशी नकरचौदस दिनांक 23 अक्टूबर रविवार को है छोटी दीपावली चन्द्रोदय व्यापनी सायं चतुर्वति दीप दान करे घर के मुख्य द्वार पर चारवत्ती वाला दीप प्रज्वलित करें।

दीपावली दिनांक 24 अक्टूबर सोमवार को है आज के दिन व्रत करें एवं सायं वेला में महालक्ष्मी, कुबेर, सरस्वती, देहली विनायक, कलम, वही तुला आदिला पूजन करें घर में दीपमाला करें 24 अक्टूबर सोमवार को प्रातः 6ः45 से 7ः30 तक अमृत वेला 9ः33 से 10ः57 शुभ वेला 11ः59 से 12ः44 अभिजित वेला दिन में व महर्स 03ः10 तक चंचलवेला 03ः10 से 5ः58 तक लाभ अमृत बेला में शुभ है।

शाम को पूजन का समय, शाम को 5ः58 से 7ः34 तक शुभ है तथा रात्रि को 10ः46 से 12ः22 तक लाभ है स्थिर - वृषभलग्न रात्रि 6ः55 से 8ः52 तक रात्रि में सिंह लग्न रात्रि 1ः25 से 3ः39 तक रात्रि में है गोघूलि प्रदोष वेला रात्रि 5ः41 से 8ः12 तक शुभ है दीपावली की रात्रि मंत्र सिद्धि करना कनकघार गोपाल सहस्त्रनाम आदि का पाठ करना चाहिए।

थ्दनांक 26 अक्टूवर बुधवार को गौमाता की पूजन गोवर्धन पूजन अनकूट दिनांक 27 अक्टूबर गुरूवार को यमुना जी का स्नान यमद्वितीया भाई दूज भाई बहन यमुना जी में स्नान करते है तो यमलोक नहीं जाना पड़ता है। 





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