मध्यप्रदेश में स्थित है विश्व का इकलौता गज लक्ष्मी मंदिर, दीवाली पर किए जाते हैं विशेष अनुष्ठान



धन की देवी मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू है कहा जाता है कि दीपावली की रात लक्ष्मी जी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर भक्तों के घर पहुंचती हैं। देश के कई मंदिरों में मां लक्ष्मी कमल ये आसन या फिर उल्लू पर विराजमान हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के उज्जैन में मां लक्ष्मी हाथी पर सवार हैं। माता के इस स्वरूप की पूजा गज लक्ष्मी के रूप में की जाती है। कहा जाता है कि पूरे विश्व में उज्जैन का गज लक्ष्मी मंदिर इकलौता मंदिर है जहां गज लक्ष्मी की दुर्लभ प्रतिमा स्थित है।


दो हजार साल पुराना है मंदिर
धार्मिक नगरी उज्जैन के सर्राफा के पेठ में स्थित मां गज लक्ष्मी का मंदिर करीब दो हजार साल पुराना है। मंदिर में मां लक्ष्मी अपने वाहन गज यानि की हाथी पर सवार हैं। मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों की मां कुंती ने यहीं मां लक्ष्मी की पूजा की थी। गज लक्ष्मी की कृपा से ही पांडवों को अपना राज-पाट वापस मिला था।

दीपावली पर होती है विशेष पूजा
उज्जैन के गज लक्ष्मी मंदिर में दीवाली के दिन विशेष पूजा की जाती है। इस दिन माता का कई क्विंटल दूध से अभिषेक किया जाता है। साथ ही नेवैद्य में 56 भोग लगाए जाते हैं। माता के अभिषेक वाला दूध भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। कहा जाता है कि मंदिर में पूजा अर्चना का दौर महाभारत काल से जारी है।

मंदिर में लिखा जाता है पहला बही-खाता
दीवाली के दिन कई व्यापारी मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर में कई वर्षों से बही खाते लिखने की भी परंपरा जारी है। आज भी यहां कई व्यापारी पहला बही खाता मंदिर में लिखने के लिए पहुंचते हैं।

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