अशोक नगर - अशोक नगर में चल रही भागवत कथा के पंचम दिवस बागेश्वर धाम सरकार के महंत महाराज श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने सोमवार को बताया जीवन में बेटियों का महत्व ।
बुधवार को सातवे दिन भागवत कथा का होगा सम्मान।
‘’खुशियों का संसार है बेटी, प्रेम का आधार है बेटी’’
‘’शीतल सी एक हवा है बेटी, ममता का सम्मान है बेटी’’
आंगन की तुलसी है बेटी, पूजा की कलसी है बेटी”
बेटियां संपूर्ण विश्व की निर्माणकर्ता, वृद्धि करता व जगत जननी है वह बेटियां ही है जो सभी रिश्तो को एक धागे में पीरों के रखती हैं इसलिए लोगों को उनका सम्मान और रक्षा करना चाहिए…आज भी लोग बेटियों के प्रतिभा और कौशल को बिना पहचाने बेटियों को बोझ समझ लेते हैं और इसी कारण उनके जन्म होने से पहले ही उनकी हत्या कर दी जाती है। बिटिया कोई बोझ नहीं होती बस यह हमारे समाज की गंदी सोच है जो लोग बेटियों को बोझ मानते हैं। उन्हे स्वयं एक मां ने जन्म दिया है जो किसी की बेटी थी।
यह समाज की पुरानी रूढ़िबद्ध धारणा है की बेटियां चूल्हा चौका के सिवा कुछ नहीं कर सकती, बेटियां तो हमारे सेवा के लिए बनी है और यह घर में ही रहे, इनका बाहर की दुनिया से कोई वास्ता नही। यही रूढ़िबद्ध धारणा सदियों से चली आ रही हैं। जिसके कारण समाज मे अनेको समस्याएं और जुर्म होते हैं । जैसे- भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा, बेरोजगारी आदि।
इन्हीं रूढ़िबद्ध धारणा के वजह से लड़के और लड़कियों में भेदभाव किया जाता है…पूज्य सरकार ने आज कहा अगर समाज की व्यवस्था बेटी के हाथ में हो तो कोई वृद्धाआश्रम इस देश में नहीं रह जाएगा…बेटी जितनी सेवा अपने पूरे कुनबे का कर सकती है कोई बेटा क़तई नहीं कर सकता…बेटी तो उनके यहाँ होती है जो अमीर और दिलदार होते है - बागेश्वर धाम सरकार।
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