कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को पड़ेगा चंद्र ग्रहण, सुबह 05.29 से प्रारम्भ होगा सूतक, देखे पूरी खबर - Kolaras


Kolaras -  कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को पड़ेगा चंद्र ग्रहण सूतक काल सुबह 08:10 बजे से शाम 6:20 तक।

🚩 श्रीमते रामानुजाय नम:🚩

सुबह 08बजे मंदिरो के पट बंद होगे शाम को 06/30के बाद खुलेगे
🌗 चंद्र ग्रहण🌖

(सूतक सुबह 08=10से शाम 06=19तक)
दिनांक 08,नवंबर 2022मंगलवार को

विस्तार से नीचे पढे👇🏻
कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार (दिनांक - 8
 नवम्बर २०२२) को दिन में २ बजकर 29 मिनट पर ग्रहण प्रारम्भ होगा मोक्ष शाम 06.19 पर होगा
 मध्य शाम 4.29 पर होगा ।

सूतक = सुबह 05.29 से प्रारम्भ होगा
शाम 06,19 - मोक्ष के उपरान्त ही समाप्त होग: 

शाम 06:19 के बाद 'स्नान आदि करे भगवान की सेवा पूजा करे हमारे यहां भारत देश मे ए ग्रहण ग्रस्तोदय रूप मे हो रहा है।

जिस समय चंद्रमा उदय हो रहा हे उसी समय राहु की छाया पड रही हे इसलिए इस ग्रहण का सूतक सुबह 08बजकर 10के बाद माना जाएगा उपर जो समय दिया गया है वह जब चंद्र ग्रहण प्रारंभ हो रहा हे उस समय का दिया है इसलिए सभी लोग भगवान की सेवा पूजा कर सकते हे सुबह 08 बजे तक या 08/10 तक|
सम्पूर्ण भारत मे 10 या 5 मिनट का अंतर ही रहेगा।

भोजन (करने) एवं प्रसाद ग्रहण
की व्यवस्था - निर्णय सिंधु के वचनासुर :-

भोजन नही करना चाहिए अन्न का निषेध बताया गया जब ग्रहण के उपरांत स्नान करके ठाकुर जी की सेवा चंद्र दर्शन के उपरांत भोजन कर सकते है।

ग्रहण के समय सभी कार्य वर्जित हैं -

भोजन, जलपान, शयन, मल मूत्र का त्याग, स्त्री संसर्ग, वोलना, हसना  जितने समय तक ग्रहण रहे उस समय तक मौन रहना चाहिए !

ग्रहण के समय करने योग्य कार्य :-

भगवाद् चिंतन या अपने गुरु मंत्र का जप इष्ट देव का ध्यान करे मंत्र सिद्धि करे पितृश्राद्ध(यहां पितृश्राद्ध स्वर्ण से करने का विधान हे अन्न से पितृश्राद्ध नही कर सकते) तर्पण करे ।

सूतक मे कार्य कर सकते हैं -

सूतक में मल मूत्र का त्याग कर सकते शयन कर सकते है स्वयं के कार्य भी कर सकते है। 

सूतक में वर्जित कार्य -

मूर्ती का स्पर्श, स्नान, दान, भजन, भोजन, फल, जल आदि नही खाना पीना चाहिए।

छोटे बच्चे, बुजुर्ग, बीमारी से ग्रस्त गर्भवती महिलाए एवं जिनके बच्चे छोटे है भोजन आदि कर सकते हैं वह भी ग्रहण से पहले एक प्रहर 3 घंटे पहले 02\30 से पहले ही भोजन जल पीले ग्रहण के समय कुछ भी न खाए पीए।

ग्रहण जब स्पर्श करे उस समय स्नान करे ।

मध्य मे हावन करे (जल मे हवन का विधान अग्नी मे हवन नही कर सकते) अंत मे (मोक्ष के समय ) दान करे।
 
हेमाद्रि के वचन है -

मोक्ष के उपरान्त स्नान करे जो व्यक्ति स्नान नही करता वह तब तक अशुद्ध रहता है जब तक दूसरा ग्रहण नही लगता इसलिए ग्रहण के उपरांत स्नान अवश्य
करे। 

नोट:- गर्भवती महिलाए ग्रहण के समय अपने पास चाकू आदि धार वाली वस्तु रखे

 सभी लोग जल- अन्न खाद्य समग्री में तुलसी एवं कुशा (डाव) तिल डाल कर रखे|

ग्रहण के समय यदि भोजन किए तो तीन दिन तक व्रत करने से ही व्यक्ति शुद्ध होता हे |

यह नियम सभी वर्णो के लिए हे
{ब्राहम्ण ,क्षत्रिय,वैश्य ,शूद्र }

{कुछ लोग वोल देते हम ब्राहम्ण थोडी हे जो न खाए पीए ए तो ब्राह्मणों के लिए हे|}

यदि कोई चंद्र गहण मे स्नान दान कर्ता हे लाख गुणा फल होता हे
 यदि सूर्य ग्रहण मे स्नान दान करता हे तो दश लाख गुणा फल होता हे यदि 
ग्रहण के समय गंगा गोदावरी आदि नदी एवं तीर्थ क्षेत्र मे स्नान दान करता हे तो करोण गुणा फल होता हे |

व्यास जी के वचन हे


ग्रहण का 12राशियो पर प्रभाव

मेष - घात 

वृष- हानि

मिथुन, लाभ

कर्क-सुख

सिंह -माननाश 

कन्या -मृत्यतुल्यकष्ट  

तुला- स्त्रीपीडा 

वृश्चिक- सुख 

धनु-चिता

मकार-व्यथा

 कुंभ- श्री 

मीन- क्षति

भरणी नक्षत्र मेष राशि ग्रहण लगेगा

ह्रषीकेश पंचागानुसार - पं नवल किशोर भार्गव 9981068449

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