कोलारस - सोमवार 03 नवम्बर को कोलारस के लुकवासा उपमंडी में कोलारस क्षेत्र के किसान अपने मक्के की फसल बेचने के लिये अनाज मंडी में आये हुये थे खाद न मिलने से परेषान किसान को जब मक्के का भाव उम्मीद से कई गुना कम यानि की 500 से 1100 के बीच जब किसानों की मक्के की फसल की बोली व्यापारियों द्वारा लगाई गई तो पहले से प्रदेष सरकार से खाद न मिलने से नाराज चल रहे किसानों का गुस्सा सातवे आसमान पर जा पहुंचा और आक्रोषित हजारों किसानों ने लुकवासा उपमंडी के बाहर हाईवे पर जाम लगा दिया जोकि 4 से 5 घण्टे तक लगा रहा।
सोमवार को लुकवासा उपमंडी के बाहर हाईवे पर किसानों द्वारा खाद न मिलने तथा मक्के की फसल का भाव कम मिलने से नाराज होकर क्षेत्र के हजारों किसानों ने लुकवासा मंडी के बाहर हाईवे जाम कर दिया किसानों का आरोप था कि सरकार हमें खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहा है और जहां पिछले वर्ष जिस मक्के की फसल का भाव 2 हजार से ऊपर तक रहा था उस मक्के की फसल को खराब बता कर मंडी के व्यापारी 500 से 1100 के बीच में बताकर खरीद रहे है आखिर किसान अपनी समस्या बताये तो किसे बताऐं सरकार न तो खाद उपलब्ध करा पा रही है और न ही मक्के की फसल को एमएसपी यानि की निर्धारित दाम पर भी नहीं खरीद पा रही है आखिर किसानों के सामनों अपनी मांग रखने का एक मात्र विकल्प हाईवे जाम करना मजबूरी हो गया था जिसके चलते सोमवार की दोपहर करीब 03 बजे से देर शाम 07ः30 के आस पास तक लुकवासा में हाईवे जाम बना रहा स्थानीय लुकवासा पुलिस जाम को निकलवाने में ना कामयाव रही तब कोलारस एसडीओपी संजय मिश्रा एवं कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने लुकवासा पहुंचकर मोर्चा सम्भाला और किसानों को जैसे तैसे मनाकर हाईवे पर यातायात देर शाम करीब 7ः30 के उपरांत प्रारम्भ कराया किसानों ने कहा कि यदि हमारे मक्के की फसल का भाव 2000 से कम मिला और खाद उपलब्ध नहीं कराया गया तो आगे भी बड़ा आंदोलन प्रदेष सरकार के विरूद्ध किया जायेगा साथ पुलिस हाईवे जाम कराने वाले किसानों की रिकॉर्डिंग के आधार पर चेहरों की पहलचान के उपरांत हाईवे जाम करने की धाराओं में मामला पंजीवद्ध करने की तैयारी में है।
खाद लेने के लिये कोलारस अनाज मंडी खाद गोदाम पर महिला एवं पुुरूषों की लम्बी लम्बी लाईने लगी खाद न मिलने से परेशान किसान भाईयों में सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फुटता हुई दिखाई दिया खाद को लेकर आये दिन विवाद की स्थिति बनती बिगडती दिखाई थी प्रशासन खाद व्यवस्था को लेकर असफल दिखाई दिया।