सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोलारस में वृक्षारोपण
विधायक प्रतिनिधि ओ.पी. भार्गव ने कहा कि वृक्षों में हम देवताओं का निवास मानते हैं। वनों से हमें फूलों से मधुमक्खियां मकरन्द लेकर शहद बनाती हैं जिससे हमें आयुर्वेदिक दवाईयां बनती है और वह खाने में उपयोगी होती है। हमें कागज, गोंद, रबड़, कत्था, बीड़ी का पत्ता एवं अनेक प्रकार की जड़ी बूटियाँ वनों से प्राप्त होती हैं। भारत में देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ वृक्षों की भी पूजा की जाती है। पीपल, वर, तुलसी, केला की पूजा की जाती है। इन वृक्षों में देवताओं का निवास माना जाता है। इसलिए इन्हें काटना पाप की श्रेणी में आता है। जैसे अभिज्ञान शकुन्तलम् में कालिदास की नायिका शकुन्तला वृक्षों का रोपण करती थीं और वह श्रृंगारप्रिय होने पर भी उन पुष्पों को नहीं तोड़ती थीं। अनेक दयालू राजाओं द्वारा भी सड़कों के दोनों ओर छायादार और फलदार वृक्ष लगवाये जाते थे। भार्गव ने कहा कि हमें आज पेड़ लगाने के साथ-साथ इन्हें पालने की भी जिम्मेदारी लेना है तभी हमारा वृक्षारोपण सफल हो पाएगा।
Tags
कोलारस