जल संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भूस्खलन और उसके बाद कृत्रिम झील बनने की जानकारी भारत को सोमवार देर शाम राजनयिक माध्यमों से और उस प्रणाली के तहत अलग-अलग दे दी गई, जिसके तहत चीन ब्रह्मपुत्र के साथ जलीय आंकड़े साझा करता है।
केंद्रीय जल आयोग ने ट्वीट किया, 'चीन की ओर से मिली ताजा जानकारी के अनुसार 31 अक्टूबर 2018 को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह 6:30 बजे (चीनी समयानुसार सुबह नौ बजे) भूस्खलन की जगह रुके हुए पानी की मात्रा अनुमानत: 337 एमसीएम है।'
चीन ने 17 अक्टूबर को भारत को तिब्बत में यारलुंग सांगपू नदी के निचले हिस्सों में मिलिन काउंटी में जियाला गांव के पास भूस्खलन के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद एक कृत्रिम झील बन गई थी।
जब झील से पानी निकलना शुरू हो गया तो अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी के पास के जिलों को बाढ़ की आशंका को लेकर हाई अलर्ट पर रखा गया