पिछोर की तरह कोलारस भी कांग्रेस के लिए अपराजय के रूप में आ रहा है नजर

कोलारस-मध्य प्रदेश के लिए विधानसभा चुनाव की घंटी चुनावी घोषणा यानि आचार संहिता के साथ किसी भी समय बज सकती है। प्रशासन से लेकर राजनैतिक दल चुनाव की तैयारियो में जुट गये है। कोलारस विधानसभा सीट के सामान्य घोषित होने के बाद अभी तक तीन चुनाव सम्पन्न हुये है। चौथा चुनाव नबम्बर माह में होना तय है। अभी तक सम्पन्न हुये कोलारस विधानसभा के तीन चुनावो की हम बात करें तो भाजपा तीन में से केवल एक बार मामूली 238 मतो से ले देकर जैसे तैसे चुनाव जीती थी  उसके बाद कांग्रेस ने 25 हजार मतो से तत्कालीन विधायक राम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद सम्पन्न हुये फरवरी माह में उप चुनाव के दौरान सरकार की पूरी ताकत के बाद 8 हजार के करीब मतो से बर्तमान विधायक महेन्द्र यादव ने जीत दर्ज की थी। अगले माह  नबम्बर में होने बाले विधानसभा के चुनाव यदि बसपा से गठबंधन होता है तो कांग्रेस को एक तरफा बढत मिलना तय है। और यदि बसपा चुनाव मैदान में आती है तो ही कांग्रेस कि स्थिति उप चुनाव के परिणाम से भी बेहतर बर्तमान में नजर आ रही है। 

पिछोर की तरह कोलारस भी दिखाई दे रहा है कांग्रेेस का मतबूत गढ

जिस प्रकार शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट को कांग्रेस के गढ के रूप में गिना जाता है। पिछोर विधानसभा सीट से जिस प्रकार कांग्रेस केपी सिंह को उम्मीदवार बनाने के बाद आज तक पिछोर विधानसभा सीट से चुनाव नही हारी है उसी प्रकार कोलारस विधानसभा सीट भी पिछोर की तरह कांग्रेस का मजबूत किला के रूप में दिखाई दे रहा है। उसके एक नही बल्कि अनेक कारण है जिनमें कोलारस विधानसभा सीट सामान्य होने के बाद केवल और केवल एक चुनाव भाजपा मामूली मतो से जीती उसके बाद लगातार दो बार से कोलारस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार बना हुआ है। कोलारस विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के विधायक लगातार गांव गांव, डगर डगर जाकर लोगो के बीच पहुंच कर उनकी समस्याओ का निराकरण कर रहे है। तथा काफी लम्बे अंतराल के बाद कोलारस विधानसभा क्षेत्र में निवास करने बाले विधायक से मिलने से लेकर हर समय उपलब्ध होने के कारण लोगो का विश्वास कांग्रेस के ऊपर दिखाई दे रहा है। काफी लम्बे अंतराल के बाद कोलारस विधानसभा में निवास करने बाला विधायक कोलारस को मिला है उसका लाभ भी कांग्रेस को विधानसभा के नबम्बर माह में होने बाले चुनावो में कांग्रेस को मिल सकता है। 

बसपा से गठबंधन हुआ तो कांग्रेस को मिल सकती है रिकॉर्ड मतो से जीत

कोलारस विधानसभा सीट के लिए नबम्बर में चुनाव होना तय है इस बीच बसपा का प्रत्याशी चुनाव मैदान में होगा अथवा गठबंधन के कारण नही होगा इसको लेकर चर्चाओ का बाजार गर्म है। क्योकि बसपा का उम्मीदवार कोलारस विधानसभा सीट से अभी तक घोषित न होने के कारण गठबंधन की संभावनायें नजर आ रही है। क्योकि बसपा प्रदेश में ज्यादा सीटे लेने के लिए कांग्रेस से बात चीत का दौर अभी भी चल रहा है। यदि कोलारस विधानसभा सीट के लिए होने बाले चुनावो में यदि बसपा का प्रत्याशी चुनाव मैदान में नही उतरा तो कोलारस विधानसभा सीट के लिए होने बाले चुनावो में कांग्रेस इस बार जिले में सर्वाधिक मतो से जीतने की स्थिति में दिखाई दे रही है। और यदि बसपा का प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरता भी है तो भी मुकावला भले ही हो किन्तु कांग्रेस उसके बाद भी भाजपा से आगे नजर आ रही है कोलारस विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बर्तमान विधायक महेन्द्र सिंह यादव के अलावा कोलारस नगर परिषद अध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस से टिकिट लाने की तैयारियों में ऐढी चोटी की ताकत लगाने में पीछे नही है कांग्रेस से इन तीनो में से प्रत्याशी पार्टी किसी को भी बनाये जीत हार का अंतर भले ही कम ज्यादा हो सकता है किन्तु कांग्रेस कोलारस विधानसभा सीट से पिछोर की तरह मजबूत दिखाई अभी तक के सर्वे रिपोर्ट में दे रही है।  

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