तकनीक में है भारत की तकदीर, हमें दुनिया को लीड करना है: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया अब हिन्दुस्तान को इंतजार करते हुए नहीं देखना चाहती बल्कि अपेक्षा करती है कि वह दुनिया का नेतृत्व करे और देश को दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार कितनी भी कोशिश क्यों न करे, लेकिन जब तक जन भागीदारी नहीं होगी तब तक कोई भी पहल सफल नहीं हो सकती.
प्रधानमंत्री ने ‘सेल्फ4सोसाइटी’ मंच के जरिये आईटी प्रोफेशनल्स और विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को टाउनहॉल संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा है कि रामायण में इस बात का उल्लेख है कि किस प्रकार एक गिलहरी ने रामसेतु के निर्माण में योगदान दिया था. इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि भगवान को भी एक गिलहरी के योगदान की जरूरत पड़ी.
उन्होंने कहा कि ऐसे में हम कितनी ही पहल करें, कितनी ही योजनाएं बनाएं, बजट दें लेकिन किसी भी पहल की सफलता लोगों की भागीदारी में निहित है. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भी अब हिन्दुस्तान को इंतजार करते हुए नहीं देखना चाहती, हिन्दुस्तान दुनिया को लीड करे इस अपेक्षा के साथ देख रही है. हमें दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है.
स्वच्छ भारत अभियान के संदर्भ में एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि स्वच्छ भारत अभियान के प्रतीक से जुड़ा चश्मा भी महात्मा गांधी का है और इसका विजन भी गांधी का ही है. उन्होंने कहा कि वह तो एक तरह से प्रायश्चित कर रहे हैं, स्वच्छताका जो कार्य चल रहा है, वह सेवा से ज्यादा प्रायश्चित है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने वर्षों तक अपने आप को देश की आजादी के लिये खपा दिया. उन्होंने अपने नेतृत्व से देश के लिये स्वतंत्रता तो प्राप्त की लेकिन स्वच्छता हासिल नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि हम सभी इसके लिये जिम्मेदार हैं, ऐसे में वह एक बार फिर जोर देना चाहते हैं कि स्वच्छता गांधी की सोच है.
उन्होंने कहा कि गांव में महिलाओं को जब खुले में शौच के लिये जाना पड़ता है तो उन्हें बहुत पीड़ा होती है. मोदी ने कहा कि कुछ काम सरकार नहीं कर सकती और जो काम सरकार नहीं कर सकती, वह संस्कार कर सकते हैं. स्वच्छता का विषय संस्कार से जुड़ा है. ऐसे में सरकार और संस्कार मिल जाए तो चमत्कार हो सकता है.
तकनीक में है भारत की तकदीर
पीएम मोदी ने कि वे सोशल मीडिया से जुड़े व्यक्ति हैं लेकिन जो सूचना परोसी जाती है, वे उसका शिकार नहीं होते हैं. जो सूचना उन्हें चाहिए वे उसे ढूंढकर प्राप्त करते हैं. उन्होंने कहा कि आज 25 से 40 वर्ष के बीच की जो पीढ़ी है, उसमें सहज भाव से काम करने की प्रेरणा है. इसमें सामुहिकता का भाव जुड़ जाए तो ताकत बनकर उभरती है. इसे एक मिशन से जोड़ लें तो परिवर्तन आना शुरू हो जाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तकदीर तकनीक में है और जो प्रौद्योगिकी युवाओं के पास है, वह भारत की तकदीर से जुड़ा है. उन्होंने ‘मैं नहीं हम’ पोर्टल के संदर्भ में कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि ‘मैं’ को खत्म कर रहे हैं बल्कि ‘मैं’ का विस्तार है. इसका आशय स्व से समष्टि की ओर बढ़ना है क्योंकि आखिर बड़े परिवार में ही आनंद का अनुभव होता है.
पीएम मोदी ने कहा कि वह देखते हैं कि भारत युवा प्रौद्योगिकी का शानदार ढंग से उपयोग कर रहा है और वह इसका न केवल अपने लिये कर रहे हैं बल्कि दूसरों के लिये भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रयास छोटा हो या बड़ा हो, उसे महत्व दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि आज अधिक लोग टैक्स चुका रहे हैं क्योंकि उन्हें विश्वास है कि उनके पैसे का उपयोग ठीक से और लोगों के कल्याण के लिए किया जा रहा है.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म