हरीश भार्गव - शाकिर खान कोलारस-बदरवास-कोलारस विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान समाप्त हो चुका है। जीत हार को लेकर कयासो यानि चर्चाओ का बाजार गर्माया हुआ है। जहां भी जाओ जिससे भी बात करो सभी जगह एक ही बात सुनने को मिलती है। इस क्षेत्र से भाजपा तो उस क्षेत्र से कांग्रेस बढ रही है यानि पण्डितो की तरह लोग अपनी - अपनी राय जीत हार को लेकर व्यक्त कर रहे है। जीत किसकी होगी और हार किसकी होगी इसका फैसला 11 दिसम्बर मंलवार की शाम तक हो जायेगा। हम बात कर रहे है कोलारस विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी की तो कोलारस विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी का टिकिट फाईनल होने से लेकर मतदान की समाप्ति तक भाजपा के लोग वीरेन्द्र रघुवशी को इस तरह घेरे रहे जिस प्रकार महाभारत में कौरवो की सेना ने अभिमन्यू को घेरा था। उसी प्रकार कोलारस विधानसभा क्षेत्र के लिए सम्पन्न हुये चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेताओ से लेकर उनके सहयोगी सभी हाथो में वका लेकर भाजपा प्रत्याशी को घेरने में अंतिम समय तक देखे गये। बुधवार को सम्पन्न हुये मतदान के दौरान जहां भी हमारी टीम पहुंची वहां के भाजपा कार्यकर्ताओ के बारे में जब पूछा तो पता चला नेताजी पोलिंग की जगह घर पर आराम फरमा रहे है। यह हाल किसी एक पोलिंग का नही है बरन जहां भी हमारी टीम पहुंची वहां भाजपा कार्यकर्ता आराम फरमाते या मटर गस्ती करते हुये दिखाई दिये मतदलव साफ है कि भाजपा के चंद कार्यकर्ताओ को छोड दिया जाये तो लगभग लगभग अधिकांश कार्यकर्ता एक ऊर्जावान भाजपा के कार्यकर्ता को विधायक के रूप में बनते हुये देखना पसंद नही कर रहे थे। तो कुछ टिकिट न मिलने से नाराज थे तो कुछ गुटवाजी एवं अन्य कारणो के चलते भाजपा प्रत्याशी के पक्ष मे घर बैठे हुये थे। कुल मिला कर यदि भाजपा के दिग्गज कार्यकर्ताओ से लेकर उनके सहयोगी कार्यकर्ताओ पर भाजपा संगठन अभी भी जांच या गोपनीय सर्वे या स्टिंग करा ले तो शायद भाजपा का कोलारस में नाम लेने बाला भी कार्यकर्ता दिखाई नही देगा। क्यो कि हमारी टीम ने जब मतदान केन्द्रो पर जाकर देखा तो 90 प्रतिशत भाजपा के कार्यकर्ता पोलिंगो पर नजर ही नही आये। कुल मिला कर कारण जो भी रहे हो भाजपा के दिग्गज नेताओ से लेकर आम कार्यकर्ता पीठ पीछे वका लेकर शक्ल दिखाते हुये नजर आये जबकि मतदान के दौरान उन्होने कौरवो की सेना की भूमिका अदा की है। देखना है कि आने बाली 11 दिसम्बर को भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी अपनी व्यक्तिगत छवि एवं जनता की पकड के दम पर चक्रव्यू भेदपाने में कामयाव हो पाते है या नही इसके लिए हम सभी को 11 दिसम्बर का इंतजार करना पडेगा। किन्तु यह तय है कि इस बार यदि भाजपा लगातार तीसरी बार पराजय का सामना करती है। तो इसमें मुख्य श्र्रेय कोई और का नही बल्कि भाजपाई कार्यकर्ताओ को ही जायेगा जिन्होने भाजपा के ताबूत में तीसरी कील निरन्तर ठोकने का काम किया है।
संगठन भाजपाईयो की चुनाव में भूमिका का सर्वे करा ले तो हो जायेगा मैदान साफ
कोलारस विधानसभा क्षेत्र का विधायक कौन बनेगा यह शायद कोई भी दावे के साथ नही कह सकता। किन्तु मतदान के से लेकर उसके बाद पोलिंग बार होने बाले आंकलन एवं मीडिया एनालाईसेस रिपोर्ट के बाद जो निष्कर्ष निकल कर सामने आ रहा है उस हिसाव से भाजपाईयो में दिग्गज कार्यकर्ताओ से लेकर आम कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी के टिकिट फाईनल होने से लेकर मतदान के दिन तक केवल फोटो ग्राफी, नोट बटोरने या खानापूर्ति करते हुये नजर आये। चुनाव में भाजपा के 80 प्रतिशत कार्यकर्ता जयचंद यानि कि विरोध की भूमिका में दिखाई दिये। केवल और केवल 20 प्रतिशत कार्यकर्ता ही फोटो खिचवाने, नोट कमाने या जातिगत आधार से लेकर संगठन के दवाव में कार्य करते हुये दिखाई दिये। जबकि अधिकांश कार्यकर्ता या तो चुनावी मैदान से गायब रहे या मतदान की समाप्ति तक हराने की भूमिका में जुटे रहे। यदि इन सबके बाद भी भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी चुनाव जीतते है तो इसका श्रेय केवल और केवल वीरेन्द्र रघुवंशी की व्यक्तिगत छवि एवं उनके स्वयं के कार्यकर्ताओ को जाता है। भाजपा संगठन चाहे स्वयं सर्वे कर ले या परिणाम आने के बाद सर्वे कराले तस्वीर साफ हो जायेगी कि भाजपा के कार्यकर्ताओ ने चुनाव के दौरान क्या कार्य किये है। इन सब के बाबजूद भी वीरेन्द्र रघुवंशी मतदाताओ से पकड एवं व्यक्तिगत छवि के कारण चुनावी मैदान में मतदान की समाप्ति से लेकर अभी तक किसी भी स्थिति में पीछे हटते हुये दिखाई नही दे रहे है।
अपने ही तावूत में तीसरी कील ठोकते नजर आये भाजपा के कार्यकर्ता
कोलारस का अगला विधायक कौन होगा तथा प्रदेश में किसकी सरकार होगी इसको लेकर कयासो का दौर निरंतर परिणाम के आने तक जारी रहेगा। यह तय है कि कोलारस का अगला विधायक महेन्द्र सिंह यादव पुनः महेन्द्र सिंह यादव अथवा नये भाजपा उम्मीदवार वीरेन्द्र रघुवंशी में से एक का चुना जाना तय हो चुका है। मतदान की समाप्ति के बाद भाजपाई कार्यकर्ताओ की चुनाव में भूमिका के विषय पर राजनैतिक विशेषज्ञो से लेकर मीडिया के लोगो से जब हमारे संबांददाता ने चर्चा की तो यह रिपोर्ट निकल कर सामने आई कि भाजपा के लोग जिंदा होने के बाद भी स्वयं को ताबूत यानि शव रखने बाली पेटी में लगातार तीसरी बार कील ठोकने का कार्य किया है। भाजपाईयो की यही शैली जारी रही तो अंतिम कील यानि शव पेटी में चौथी कील ठोकते ही भाजपा का कोलारस विधानसभा क्षेत्र से पिछोर की तरह लम्बे समय के लिए विदाई होना तय है जिसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार कोई और नही भाजपाईयो की गुटवाजी, एक दूसरे को नीचे पटकने की कोशिश में ही भाजपा देवेन्द्र जैन को मामूली अंतर से चुनाव जिताने के बाद कोलारस विधानसभा क्षेत्र में निरन्तर पीछे खिसकती ही चली आ रही है इन सब के बाद भी रघुवंशी समर्थको से लेकर कुछ कांग्रेसी वीरेन्द्र रघुवंशी को जीत का प्रवल दावेदार बता रहे है। हम सबको 11 दिसम्बर तक का इंतजार करना होगा तस्वीर 11 दिसम्बर को ही साफ होगी।
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