संचालनालय कोष एवं लेखा के निर्देशानुसार देयक पारितीकरण व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए है। जिसके तहत सभी आहरण संवितरण अधिकारी देयक की नवीन व्यवस्था अनुसार देयक पारित करना सुनिश्चित करें।
जिला कोषालय अधिकारी श्री एम.एल.नोटिया ने बताया कि पारितीकरण व्यवस्था में किए गए परिवर्तन के तहत 20 हजार से अधिक के सभी देयकों पर आहरण संवितरण अधिकार का स्वीकृति आदेश संलग्न करना आवश्यक है। जिसके एक प्रतिलिपि कोषालय अधिकारी को भी दी जाएगी। एफबीसी/ग्रांट के देयकों में अगर उप-प्रमाणक जिनकी राशि 20 हजार से अधिक है, ऐसे उप-प्रमाणकों को आईएफएमआईएस सिस्टम से देयक बनाते समय स्केन कर संलग्न करें तथा उसकी एक छायाप्रति देयक के साथ संलग्न करें। जिन देयकों में स्केन उप-प्रमाणक संलग्न नहीं है, उन्हें कोषालय द्वारा आवजेक्ट कर वापस किया जाएगा। कोषालय में प्रेषित सभी देयकों पर विवरण एवं लेखाशीर्ष सही अंकित होना चाहिए, आईएफएमआईएस सिस्टम द्वारा लगाए देयक एवं भौतिक देयक में लेखाशीर्ष समान होना चाहिए। शीर्ष भिन्न होने की दशा में महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर द्वारा आपत्ति ली जा रही है। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आहरण अधिकारी की होगी।
जिला कोषालय अधिकारी श्री एम.एल.नोटिया ने बताया कि पारितीकरण व्यवस्था में किए गए परिवर्तन के तहत 20 हजार से अधिक के सभी देयकों पर आहरण संवितरण अधिकार का स्वीकृति आदेश संलग्न करना आवश्यक है। जिसके एक प्रतिलिपि कोषालय अधिकारी को भी दी जाएगी। एफबीसी/ग्रांट के देयकों में अगर उप-प्रमाणक जिनकी राशि 20 हजार से अधिक है, ऐसे उप-प्रमाणकों को आईएफएमआईएस सिस्टम से देयक बनाते समय स्केन कर संलग्न करें तथा उसकी एक छायाप्रति देयक के साथ संलग्न करें। जिन देयकों में स्केन उप-प्रमाणक संलग्न नहीं है, उन्हें कोषालय द्वारा आवजेक्ट कर वापस किया जाएगा। कोषालय में प्रेषित सभी देयकों पर विवरण एवं लेखाशीर्ष सही अंकित होना चाहिए, आईएफएमआईएस सिस्टम द्वारा लगाए देयक एवं भौतिक देयक में लेखाशीर्ष समान होना चाहिए। शीर्ष भिन्न होने की दशा में महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर द्वारा आपत्ति ली जा रही है। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आहरण अधिकारी की होगी।