बदरवास।जनपद पंचायत बदरवास की ग्राम पंचायत अगरा में सरपंच पति ने लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करके मज़े उड़ा रहा है। जहां हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत बनाने का सपना देख रहे हैं गरीबों को उनका आशियाना मिले, हर घर शौच मुक्त हो, मेरा भारत देश महान हो के नारे लग रहे, सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, भ्रष्टाचार रोकने की शासन की हर योजनाओं की मट्टी पलीत करने में लगे हुए हैं जिम्मेदार लोग।
ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव मिल जुलकर कागजों पर इंजीनियर की मिलीभगत से शौचालय निर्माण का निरीक्षण कर बिल पास करवा लेते हैं और अपना मोटा कमीशन अपनी जेब में रख लेते हैं और भाड़ में जाए शासन की योजनाएं… उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है। गांव में ऐसे शौचालय बनवाए गए हैं जहां पर गांव के पालतू जानवर शौच कर रहे हैंं। अौर इस ग्राम पंचायत के कुछ ग्रामीण अपना परिवार मजदूरी कर चलाते है जो गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन व्यापन करते है जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में जुड़ा हुआ है। उनसे सरपंच पति द्वारा गरीब मजदूर से पैसों की मांग कि जाती है अगर पैसा नहीं दिया तो सरपंच पति द्वारा प्रधानमंत्री आवास सूची से नाम हटा देने कि धमकी दि जाती है और शासन की योजना से एक गरीब को वंचित कर दिया जाता है क्योंकि सरपंच व सचिव को मोटा कमीशन नहीं मिला।
यह ग्राम पंचायत के सरपंच पति ने बहुत से शौचालय कागजों पर बनकर इंजीनियर से कागज पर ही सर्वे करा लिया और गरीबों का शौचालय का पैसा हड़प कर लिया गया और ग्राम पंचायत को कागजों पर शौच मुक्त करने का प्रयास कर रहे है
बदरवास जनपद पंचायत के जवाबदार अधिकारियों की आंख में मिर्ची झोंकने का काम कर रहे है सरपंच पति जो अपनी पत्नियों के फर्जी खुद ही हस्ताक्षर कर पैसा निकाल लेते है और शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का काम कर रहे है जिसकी शिकायत गांव वालों ने जनसुनवाई में जिला सीईओ से करने कि कहीं अौर पूर्व में भी कई शिकायतें कि गई लेकिन जवाबदार अधिकारी कारवाई करने के नाम पर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं यह ग्राम पंचायत भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ी हुई है शासन के पैसों की लूट मची हुई है जितना लूट सको उतना लूट लो सब शासन के पैसे में फलीभूत हो रहे हैं और गरीबों की योजनाओं को सरपंच से लेकर तो अधिकारी तक चैन की नींद सोए हुए हैं। जनपद पंचायत बदरवास की ग्राम पंचायत अगरा में सरपंच पति ने लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करके मज़े उड़ा रहा है। जहां हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत बनाने का सपना देख रहे हैं गरीबों को उनका आशियाना मिले, हर घर शौच मुक्त हो, मेरा भारत देश महान हो के नारे लग रहे, सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, भ्रष्टाचार रोकने की शासन की हर योजनाओं की मट्टी पलीत करने में लगे हुए हैं जिम्मेदार लोग।
ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव मिल जुलकर कागजों पर इंजीनियर की मिलीभगत से शौचालय निर्माण का निरीक्षण कर बिल पास करवा लेते हैं और अपना मोटा कमीशन अपनी जेब में रख लेते हैं और भाड़ में जाए शासन की योजनाएं… उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है। गांव में ऐसे शौचालय बनवाए गए हैं जहां पर गांव के पालतू जानवर शौच कर रहे हैंं। अौर इस ग्राम पंचायत के कुछ ग्रामीण अपना परिवार मजदूरी कर चलाते है जो गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन व्यापन करते है जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में जुड़ा हुआ है। उनसे सरपंच पति द्वारा गरीब मजदूर से पैसों की मांग कि जाती है अगर पैसा नहीं दिया तो सरपंच पति द्वारा प्रधानमंत्री आवास सूची से नाम हटा देने कि धमकी दि जाती है और शासन की योजना से एक गरीब को वंचित कर दिया जाता है क्योंकि सरपंच व सचिव को मोटा कमीशन नहीं मिला।
यह ग्राम पंचायत के सरपंच पति ने बहुत से शौचालय कागजों पर बनकर इंजीनियर से कागज पर ही सर्वे करा लिया और गरीबों का शौचालय का पैसा हड़प कर लिया गया और ग्राम पंचायत को कागजों पर शौच मुक्त करने का प्रयास कर रहे है
बदरवास जनपद पंचायत के जवाबदार अधिकारियों की आंख में मिर्ची झोंकने का काम कर रहे है सरपंच पति जो अपनी पत्नियों के फर्जी खुद ही हस्ताक्षर कर पैसा निकाल लेते है और शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का काम कर रहे है जिसकी शिकायत गांव वालों ने जनसुनवाई में जिला सीईओ से करने कि कहीं अौर पूर्व में भी कई शिकायतें कि गई लेकिन जवाबदार अधिकारी कारवाई करने के नाम पर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं यह ग्राम पंचायत भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ी हुई है शासन के पैसों की लूट मची हुई है जितना लूट सको उतना लूट लो सब शासन के पैसे में फलीभूत हो रहे हैं और गरीबों की योजनाओं को सरपंच से लेकर तो अधिकारी तक चैन की नींद सोए हुए हैं।