बदरवास नगर में कुटीरो के नाम पर महा घोटाला, चहेतो को बांटी कुटीरे, पटोर बाले ताकते रहे मुंह


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बदरवास-बदरवास नगर की हम बात करें तो यहां केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री कुटीर योजना के तहत सबसे पहले उन लोगो को आवास बनाने का प्रावधान केन्द्र सरकार द्वारा रखा गया था जिनके पास कच्चे मकान यानि कि पटोर अथवा टपरियां है उन लोगो को वारिश के दिनो में होने बाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री कुटीर योजना प्रारंभ की थी। किन्तु बदरवास नगर में पात्र लोग अपना नम्बर आने का इंतजार करते रहे और आचार संहिता का हवाला देकर नगर परिषद के कर्मचारी पात्रो का नाम आने की बात कह कर उनसे चक्कर लगवाते रहे। जबकि कुटीरे उन लोगो को दी गई जिनके पूर्व में पक्के मकान थे उन्हे कुटीर योजना का लाभ जमीन न होने पर दो मंजिल तक पर कुटीरे स्वीकृत कर दी गई जबकि कच्चे मकानो से लेकर टपरियों में रहने बाले लोगो को इस योजना का लाभ आज दिनांक तक नही मिला। कुल मिला कर कांग्रेस की मानसिकता के चहेते अपात्र लोगो को प्रधानमंत्री कुटीर योजना का लाभ बदरवास में दिया गया। विपक्ष में बैठी भाजपा मुंह देखती रह गई और अपात्र गरीब 20 प्रतिशत लोगो को कुटीर योजना का लाभ दे दिया गया। शेष लोगो को चुनाव बाद कुटीरे देने का आश्वासन दिया गया बदरवास के कुछ पार्षदो ने बताया कि हमारे वार्ड में ऐसे भी लोग रह रहे है। जिनके पास रहने को पक्का मकान नही है उन लोगो को कुटीरे नही दी गई जबकि चहेते पार्टी विशेष, जाति विशेष के लोगो को बदरवास नगर में लाभान्वित किया गया। जिससे पात्र लोग आज भी कुटीरो के लिए परेशान  हो रहे है। उन्हे झूठे आश्वासन देकर आचार संहिता के बाद कुटीरे प्रदान करने की बात कही जा रही है। यदि चुनाव के बाद केन्द्र में सरकार बदलती है तो कुटीर के इंतजार में बैठे लोगो की कुटीरे आयेगी इस बात की कोई गारंटी नही है। तथा बर्तमान सरकार भी लोकसभा चुनाव के बाद शेष बची किस्तो के अलावा कुटीर की योजना चलायेगी इस बात की भी कोई गारंटी नही है। बदरवास के लोगो को गुमराह करते हुये चुनाव बाद कुटीरे आने तथा किस्ते आने की बात चंद लोगो ने कही है इसके अलावा सूत्र यहां तक बताते है कि कुटीरे कांग्रेस द्वारा देकर कांग्रेस के नाम पर वोट मांगने तक की राजनीति चंद लोगो ने बदरवास में रची है। जबकि कुटीरे केन्द्र सरकार द्वारा सबसे पहले कच्चे मकान अथवा टपरियों में रहने बाले लोगो के लिए प्रदान करने की योजना बनाई थी। जबकि बदरवास में ऐसे लोग कुटीरो के आने का इंतजार ही करते रह गये और अपात्र कांग्रेसी मानसिकता के पक्के मकानधारी लोगो को भूमि न होने पर भी दूसरी मंजिल पर कुटीरे आखिर कैसे स्वीकृत हो गई मामला जांच का विषय है। 

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