पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर विगत दो सप्ताह से कयासो का दौर जारी है पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री न बनाये जाने तथा कांग्रेस के राष्टï्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के स्थान पर उनकी मां सोनिया गांधी को कांग्रेस पार्टी का राष्टï्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद कांग्रेस की राजनीति में प्रदेश में कमलनाथ तथा दिग्विजय सिंह का वर्चस्व तथा केन्द्र में सोनिया गांधी से लेकर सीनियर कांग्रेसियो का प्रभाव बढने के साथ-साथ राहुल गांधी के मौन साधने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जो कि राजनीति के खिलाडी माने जाते है। वह भांप चुके है कि प्रदेश में दो वरिष्ठ नेताओ के चलते कांग्रेस में दो दर्जन से अधिक विधायको के जिताने के बाद मुख्यमंत्री पद न मिलना तथा केन्द्र में कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर बरिष्ठ कांग्रेसियो की एकजुटता के चलते सोनिया गांधी को राष्टï्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के राजनीति में अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है। जिसके चलते बीते दो सप्ताह के दौरान जो घटना क्रम घटित हुये उनसे संकेत मिलते है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की कमान नही सौंपी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने वरिष्ठ परिजनो के भाजपाई संबंधो के चलते कांग्रेस की राजनीति को बाय-बाय भी कर सकते है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा धारा 370 हटाये जाने के समर्थन करने के बाद सोशल मीडिया में इस तरह की चर्चायें आम हो गई है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की जगह भाजपा का दामन थाम सकते है। सिंधिया की कांग्रेस से नाराजगी के कई कारण है जिनमें उन्हे ग्वालियर चंबल संभाग से पहली बार रिकॉर्ड विधायक जिताने के बाद मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री न बनाया जाना, कांग्रेस के कई राष्टï्रीय नेताओ के समर्थन मिलने के बाद सोनिया गांधी के न करने के बाबजूद उन्हे कांग्रेस का राष्टï्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया यह समझ चुके है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दो नेताओ की जुगलवंदी तथा राष्टï्रीय स्तर पर बरिष्ठ नेताओ की एकजुटता के चलते सिंधिया कांग्रेस में अपना भविष्य खतरे में भांप रहे है। जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुडे कांग्रेस के सूत्र यहां तक बता रहे है कि राहुल गांधी यदि इसी सप्ताह मध्यस्था करके ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने में कामयाब या सफल नही हो पाते है तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस के राष्टï्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने भाजपाई रिश्तेदार नेत्रियो की मध्यस्था के चलते भाजपा का दामन इसी सप्ताह थाम सकते है। यदि दो दर्जन से अधिक मंत्री एवं विधायको के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल सूत्रो के अनुसार होते है तो उन्हे भाजपा के प्रदेश नेताओ की सहमति पर मध्य प्रदेश में भाजपा का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। और यदि प्रदेश के भाजपा नेता सिंधिया को मुख्यमंत्री के नाम पर आपत्ति करते है तो ऐसी स्थिति में सिंधिया के साथ भाजपा में जाने बाले करीब 2 दर्जन से अधिक विधायको में से कुछ को मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है और इतनी तादात में भाजपा से विधायक लाने तथा मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने की स्थिति में ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा से सांसद बना कर केन्द्र की मोदी सरकार केन्द्र में कैविनेट मंत्री भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को बना सकती है?
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