
त्योहारों के मौसम से पहले मध्य प्रदेश में लगातार मिल रहे मिलावटी दूध, पनीर, मावा के मामले में अब सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. उज्जैन में मिलावटखोर व्यापारी के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने के बाद अब मध्यप्रदेश में सरकार ने मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को इनाम देने की घोषणा की है.
स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा है कि अब से मिलावटखोर व्यापारियों की जानकारी देने वाले को 11000 रुपए का इनाम दिया जाएगा और अगर जानकारी देने वाला शख्स अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहता तो उसकी पहचान को गुप्त भी रखा जाएगा.
मध्यप्रदेश में मिलावटखोर किस हद तक फैले हुए हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ को सार्वजनिक अपील तक जारी करनी पड़ी है. इस सार्वजनिक अपील में सीएम कमलनाथ ने बकायदा एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया है जिस पर फोन करके कोई भी शख्स मिलावटी दूध, पनीर, मावा और घी को बनाने या बेचने वाले की जानकारी दे सकता है.
सीएम कमलनाथ की ओर से जारी विज्ञप्ति में हेल्पलाइन नम्बर 0755-2665036 जारी किया गया है जिस पर फोन कर मिलावटखोरी की जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी. अपनी अपील में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन व्यापारियों को भी आश्वस्त किया है जो तय मानकों के अनुसार काम कर रहे हैं. सीएम कमलनाथ ने कहा है कि जो व्यापारी तय मानकों के अनुरूप सामग्री बना कर बेच रहे हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
सरकार की ये कार्रवाई सिर्फ उन मिलावटखोरों के खिलाफ है जिसके चलते जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों के दौरान मिलावटी दूध, पनीर, मावा और घी मिलने के मामले तेजी से बढ़े हैं. ऐसे व्यापारियों के खिलाफ प्रदेशभर में तेजी से कार्रवाई भी हो रही है. हाल ही में मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक मिलावटखोर व्यापारी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है.
यह पहली बार है जब किसी मिलावटखोर के खिलाफ इतने गंभीर कानून के तहत में अपराध दर्ज किया गया है. वहीं बीते 20 दिनों के दौरान ग्वालियर, मुरैना, राजगढ़, गुना और खरगोन में मिलावटखोर व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. साथ ही जुलाई महीने में 1600 से ज्यादा खाद्य पदार्थों के भी सैंपल लेकर जांच की जा रही है
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