
ग्वालियर - कोरोना काल में ग्वालियर नगर निगम ने उल्लेखनीय कार्य किये हैं। ग्वालियर शहर की सडक़ों का नव निर्माण , अमृत योजना के कार्य , सडक़ों के डिवाइडर , फुटपाथ , पार्क में जबरदस्त कार्य हुये हैं। यह सब निगम आयुक्त संदीप माकिन और प्रशासक एमबी ओझा के कुशल मार्गदर्शन में संभव हो सका है।
लेकिन इन सबके बीच निगम आयुक्त संदीप माकिन का पानी मैनेजमेंट इस बार सबसे सफल रहा है। ग्वालियर में २०-२५ वर्षों से हर वर्ष चली आ रही पानी की किल्लत से लेकर इस बार हो हल्ला नहीं मचा। पूरे शहर को भरपूर पानी मिला। नहीं तो ग्वालियर में अप्रैल की शुरूआत से ही पानी को लेकर मारा मारी मच जाती थी।
ग्वालियर में इस समय पानी की आपूर्ति तिघरा से मोतीझील से लाकर वहां से शहर भर को की जा रही है। जिससे शहर में प्रतिदिन १०० एमएलडी पानी ग्वालियर वासियों को सुबह-शाम , बारी-बारी से दिया जा रहा है। विशेष बात यह है कि अप्रैल के साथ पूरा मई माह बीत गया है लेकिन पानी के लिये कहीं भी शहर में संकट नहीं मचा, न कोई हो हल्ला हुआ। विशेष बात यह है कि पीएचई के अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य व निगम आयुक्त संदीप माकिन ने इसमें पेयजल हेतु शुद्धता के भी मापदंडों का विशेष ध्यान रखा, ताकि ग्रीष्म काल में कोरोना के कहर के बाबजूद शहरवासियों का अन्य संक्रमण रोगों से पूरा भरपूर बचाव भी रहा।
मुख्य बात यह है कि ग्वालियर में वैसे मानसून जून के दूसरे या तीसरे हफ्ते तक आने की संभावना है, और पानी के मैनेजमेंट में पीएचई विभाग वारिश न होने की स्थिति में इस दिसंबर २०२० तक पानी उपलब्ध करा सकता है। वैसे इस बार मानसून के बेहतर आसार है और पानी के मैनेजमेंट से नगर निगम व पीएचई दोनों ग्वालियर में पानी संकट का खौफ खत्म करने में सफल हुये हैं।
दिसंबर २०२० तक अभी पानी :मौर्य
हमारे पास अभी के मैनेजमेंट से दिसंबर २०२० तक पानी है। हमने बेहतर मैनेजमेंट से पानी का संकट ग्वालियर से काफी हद तक दूर कर लिया है। इस बार बेहतर वारिश की संभावना है जिससे जलाशय फिर लबालब होंगे। हम शहर को साफ पेयजल भी उपलब्ध कराने में सफल हुये हैं।
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