बेरोजगारी में दो वक्त की रोटी के लिए खतरे में डाल रहे जान, बाढ़ के पानी से निकाल रहे लकड़ियां

 

बेरोजगारी में दो वक्त की रोटी के लिए खतरे में डाल रहे जान, बाढ़ के पानी से निकाल रहे लकड़ियां

बेरोजगारी में खतरे में डाल रहे लोग अपनी जान.

लॉकडाउन के बाद बारिश और बाढ़ की मार, ऐसे में लोगों के लिए जीवन चलाना किसी मुसीबत से कम नहीं है. मध्य प्रदेश के बालाघाट में पिछले 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं. ऐसे में लोगों के लिए संकट दोगुना हो गया है. रोजी रोटी के लिए मोहताज ग्रामीण बाढ़ के खतरे और उफनती नदी के बीच अपनी जान खतरे में डालकर लकड़ी निकाल रहे हैं. इसके बाद उस लकड़ी को बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते हैं. (अतुल वैद्य-इनपुट)

बाढ़ के पानी से निकाल रहे लकड़ियां.
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मध्य प्रदेश की वैनगंगा नदी में बाढ़ जैसे हालात में भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लकड़ियां बीनते देखे गए. एक दो नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में यह लोग नदी के तट पर बहकर आने वाली लकड़ियां बीन रहे हैं. ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है. प्रशासन ने इस पर रोक भी लगा रखी है. लेकिन बेरोजगारी और पेट की आग बुझाने की जद्दोजहद में यह लोग यह भी भूल गए हैं कि ऐसा करना जानलेवा हो सकता है.

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