जिले में राजनिति के तीन पावर केन्द्र बने, प्रभारी मंत्री बनने के बाद बनेंगे नये समीकरण
भाजपा की सरकार बनने के बाद यशोधरा राजे, सुरेश धाकड़, वीरेन्द्र रघुवंशी बने सत्ता के केन्द्र
मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनने तथा उपचुनाव के बाद भाजपा सरकार के पूर्ण बहुमत में आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों यानि की नोकरसाही पर लगाम लगाने के लिये शिवपुरी जिले में भाजपा के वर्तमान में तीन केन्द्र दिखाई दे रहे है। प्रभारी मंत्री किस कोटे का होगा उसके बाद जिले की राजनिति की दशा तय होगी। राजनैतिक जानकारों का मानना हैं। कि प्रभारी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे बाले मंत्रियों में से ही बनने की संभावना है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने तथा प्रभारी मंत्री बिहीन शिवपुरी जिले में राजनिति यानि की नौकरसाहों पर लगाम लगाने के लिये तीन केन्द्र दिखाई दे रहे है। जिनमें सबसे पहले नाम आता है। शिवपुरी विधायक एवं कैविनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का दूसरे नम्बर पर नाम आता है। पोहरी विधायक एवं मंत्री सुरेश धाकड़ का तथा तीसरे नम्बर पर नाम आता है। कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी का जोकि मंत्रियों के सम्पर्क में होने के कारण प्रशासनिक अमले पर लगाम लगाने में अभी तक कामयाव दिखाई दे रहे है। शिवपुरी जिले की राजनिति में भाजपा के तीन केन्द्र दिखाई दे रहे है। उनमें शिवपुरी विधायक तथा पोहरी विधायक महल से आते है तथा कोलारस विधायक सत्ता के सम्पर्क के कारण प्रशासनिक अमले पर लगाम लगाने में कामयाव हुये है। प्रभारी मंत्री बनने के बाद जिले की राजनिति के साथ-साथ कोलारस विधायक को प्रभारी मंत्री अपने साथ लेकर चलने में कामयाव हो पाते है अथवा भाजपा में ही विखराब की स्थिति पैदा होने की आशंका भी बनी हुई है।
प्रभारी मंत्री सिंधिया कोटे का बना तो कोलारस विधायक को साथ लेकर चलने की चुनौती
शिवपुरी जिले में प्रभारी मंत्री के नाम का एलान जल्द होने की संभावना नजर आ रहीं है। क्योंकि पंचायत एवं नगर निकाय से लेकर मंडी चुनाव अगले वर्ष 2021 मेें होने की पूर्ण संभावना हैं। जिनको देखते हुये प्रदेश सरकार मंत्री मंडल विस्तार, प्रभारी मंत्री बनाने से लेकर निगम मंडलों के पद स्थानिय चुनावों से पहले यानि की अगले माह दिसम्बर तक प्रदेश सरकार भर सकती हैं। हम बात कर रहे है। शिवपुरी जिले की राजनिति की तो यहां वर्तमान सत्ता की राजनिति के तीन केन्द्र यानि की तीन नेता दिखाई दे रहे हैं। जिनमें पहला नाम शिवपुरी विधायक का आता है। यदि सिंधिया कोटे के मंत्री को जिले का प्रभार मिलता है। तो जिले की राजनिति की चाबी यशोधरा राजे सिंधिया तथा मास्टर चाबी ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथ में होगी। यदि ऐसा होता है। तो कोलारस विधायक वीरेन्द्र रधुवंशी जोकि मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री के नजदीकी होने तथा महल से दूरी के कारण कोलारस विधायक वीरेन्द्र रधुवंशी का प्रभारी मंत्री से लेकर प्रशासनिक टीम के साथ ताल मेेल को लेकर अटकलो का बाजार गर्म हैं। यदि प्रभारी मंत्री सिंधिया कोटे के अलावा बनता है। तो महल को साधने की चुनौती प्रभारी मंत्री के सामने पैदा हो सकती है। कुल मिलाकर वर्तमान में जिले की राजनिति के तीन केन्द्र में से दो महल के कोटे तथा एक सत्ता धारी कोटे से आने के कारण प्रभारी मंत्री किसी भी कोटे का बने किन्तु उसके सामने सभी को साथ लेकर चलने की चुनौती आवश्य होगी।