कोलारस में भाजपा की गुटबाजी आने वाले चुनावों में कहीं कांग्रेस के लिये न बन जाये फायदेमंद
कोलारस - हम बात कर रहे है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र के राजनैतिक हलातों की तो कोलारस विधानसभा क्षेत्र में आने वाले समय में पंचायत, नगर परिषद, मंडी से लेकर अन्य चुनाव होना है। एक दृष्टी से यह चुनाव क्षेत्र के हिसाव से छोटे माने जाते है। क्योंकि इनका क्षेत्र लोकसभा एवं विधानसभा की तुलना में बहुत कम होता है। वर्तमान में कोलारस विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा एवं लोकसभा दोनो चुनावों में भाजपा को जीत आवश्य मिली है। किन्तु कांग्रेस से सिंधिया गुट के शामिल हो जाने के बाद भाजपा संगठन खत्म होकर अब कोलारस में संगठन की जगह खिचड़ी दिखाई दे रही है। हालात इतने खराब है। कि मुख्यमंत्री को छोडकर चाहे सांसद, मंत्री, विधायक, राज्यसभा सांसद कोई भी क्षेत्र में आ जाये भाजपा के सभी कार्यकर्ता आपको एक मंच के नीचे दिखाई नहीं देंगे। भाजपा के फेसबुकिया नेता फेसबुक पर अपने नेता का कट्र समर्थक लिखते है। कोई भी कार्यकर्ता अपने नाम के आगे भाजपा कार्यकर्ता अथवा मुख्यमंत्री, सांसद, राज्यसभा सदस्य, क्षेत्रिय विधायक के संयुक्त नाम एवं फोटो लगाते हुये दिखाई नहीं देंगे। मतलब साफ हैं। कोलारस विधानसभा क्षेत्र मेें भाजपा का कोई भी नेता क्यों ना आ जाये। भाजपा के सभी नेता एक मंच पर कभी एक जुट दिखाई नहीं देंगे। भले ही भाजपा के कार्यकर्ता संगठन से लेकर प्रशासनिक अमले में अपने लोगो को लाकर खुश हो किन्तु कुछ वर्षो बाद विधानसभा से लेकर लोकसभा के चुनाव में भाजपा की यही गुट वाजी कहीं कांग्रेस के लिये लाभ का सौदा न बन जायें। यह भाजपाईयों के लिये आने वाले कुछ वर्ष संगठन से लेकर कार्यकर्ताओं को एक जुट करने का मौका है। कहीं ऐसा ना हो की भाजपा की गुटवाजी पंचायत, नगर परिषद, मंडी के चुनावों के बाद खुल कर चरम सीमा पर न पहुंच जायें। यह भाजपा के लिये आने वाला समय एक जुट होने अथवा गुटवाजी के कारण कांग्रेस के लिये फायदेमंद सावित भी हो सकता है।