कोलारस में भी पैट्रोल 100 तक पहुंचा, भाजपाई मौन, कांग्रेसी आंदोलन तक सिमटे
कोलारस - 22 मार्च 2020 के पहले जब क्षेत्र के लोग कोरोना बीमारी का नाम तक नहीं जानते थे। उस समय पैट्रोल से लेकर डीजल, रसोई गैस, खाने के तेल के भाव आपको शायद याद होंगे और आज के भाव से 22 मार्च के पूर्व यानि की फरवरी 2020 के भावों की हम बात करें। तो दैनिक उपयोग में आने वाली इन चारों बस्तुओं के भाव कोरोना काल से लेकर वैक्सीन आने तक 10 से लेकर 20 प्रतिशत तक बड़े है। शुक्रवार के भावों की हम बात करें। तो कोलारस में ही पैट्रोल का भाव 99.57 यानि की 100 रूपये से कुछ पैसे कम तक जा पहुंचा है। यदि लोगो को महगाई की मार से बचना है। तो आमदनी बड़ाने अथवा खर्चो में कटौती पर ध्यान देना होगा बरना महगाई के चलते कर्ज बड़ने से बीमारी फैलने के कारण हार्ट अटैक से लेकर मौत तक आ सकती है। कुल मिलाकर कर दैनिक उपयोग की चारों वस्तुये कोरोना के घाटे एवं वैक्सीन पर होने वाले खर्च की पूर्ति में देश एवं प्रदेश की सरकार लगी हुई है। जिसके चलते उनका महगाई की तरफ कोई ध्यान नहीं है। पैट्रोल एवं डीजल पर कुल कीमत में से करीब 60 प्रतिशत से भी अधिक टैक्स के रूप में जनता को प्रतिलीटर चुकाना पड़ रहा है। जिसके चलते पैट्रोल एवं डीजल के भाव 100 तक जा पहुंचे है। यही हलात रहे तो 150 रूपया प्रतिलीटर तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
कांग्रेस को करना चाहिये अनिश्चित कालीन भारत बंद
कांग्रेस जोकि बीते सात वर्षो में अपने सबसे नीचले पायदान पर जा पहुंची है। उसका सबसे बड़ा कारण कांग्रेस के केन्द्र से लेकर प्रदेश एवं क्षेत्र के नेता जनता के मुददों को लेकर विरोध प्रकट करने में फैल सावित हुये है। उसी का परिणाम है। कि जनता की उम्मीदों पर खरा न उतने के बाद भी जनता भाजपा के साथ दिखाई दे रही है। यदि कांग्रेस समय समय पर जनता से जुड़ी समस्याओं को हल कराने अथवा उन मुददों को लेकर विरोध प्रदर्शन करती रहती तो जनता का विश्वास कांग्रेस के ऊपर बना रहता कोलारस ही नहीं वल्कि प्रदेश से लेकर देश की जनता किसान कानून से लेकर महगाई एवं कोरोना के बाद बड़ी वेरोजगारी से काफी त्रस्त है ।किन्तु विपक्ष में बैठी कांग्रेस लोक सभा से लेकर राज्यसभा एवं विधानसभा से लेकर सड़क तक अनिश्चित कालीन भारत बंद के लिये किसानों की तरह विरोध प्रदर्शन करती तो क्षेत्र से लेकर देश एवं प्रदेश के लोगो का भरोसा भाजपा की तरह कांग्रेस पर भी सात वर्ष पूर्व की तरह पुनः कायम होता भगवान करें जनता की समस्याओं को हल कराने के लिये भाजपा या विरोध के लिये कांग्रेस को जनता की याद समय रहते आ जायें।
पैट्रोल डीजल की मार से बचने के लिये कोलारस के लोग अपना सकते है। यह फार्मूला
कोलारस विधानसभा मुख्यालय पर शुक्रवार को पैट्रोल आजाद भारत में सबसे ज्यादा कीमत पर पहुंचा है। 100 का नाम की लोग कल्पना करते थे। किन्तु कोरोना एवं उसके बचाव के लिये केन्द्र सरकार ने वैक्सीन का खर्च निकालने के लिये टैक्स में कटौती नहीं की जिसके चलते 40 रूपये के करीब आने वाला पैट्रोल कोलारस में शुक्रवार को 100 तक जा पहुंचा। यह पैट्रोल के भाव की बात हुई यदि लोगो को बाइक चलानी है और पैट्रोल के बडते भावों से अपने आपको बचाना है। तो हमने ऐसे लोगो के लिये तीन फार्मूला खोज निकाले है। जिसके चलते कोलारस बदरवास के लोग पैट्रोल के बड़ते भाव से अपने आपको विगड़ने वाले बचट से सुरक्षित रख सकते है। उनमें सबसे बड़िया आसान रास्ता यह है। कि कोलारस से बाहर जाने के लिये ही पैट्रोल वाली बाइक का उपयोग करें लोकल में पैदल, साईकिल, वैटरी वाली बाईक, बजाज की एवरेज देने वाली बाईक का उपयोग करें अथवा दूसरे विकल्प के रूप में डीजल वाली बाईक का भी उपयोग करके कुछ राहत पा सकते है और तीसरे एवं अंतिम विकल्प के रूप में लोग कोलारस की जगह दिनारा एवं रक्सा के पास प्लाॅट खरीद कर निवास करेें तो लोगो को पैट्रोल पर प्रति लीटर 10 रूपये का फायदा यानि एक माह में 300 रूपये तक 30 लीटर पैट्रोल खर्च करने पर कोलारस की तुलना में दिनारा के पास निवास करने वाले लोगो को शुद्ध फायदा होगा यह हम नहीं बल्कि सभी लोग जानते है। किन्तु मानते नहीं है।
