मानसिक विकार से ग्रसित मरीज के प्रति दया का भाव नहीं अपितु दायित्व का भाव रखे-जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री विनोद कुमार
शिवपुरी - कोरोना महामारी का लोगों की मानसिक अवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ इन एन अनइक्वल वर्ल्ड) रखा गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान एकांतवास, लोगों से शारीरिक दूरी, आर्थिक तंगी और भविष्य की चिंता ने मानसिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है। ये कहा जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री विनोद कुमार ने जिन्होंने आज कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम को संबोधित किया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जो मरीज मानसिक रोग से ग्रसित है ऐसे व्यक्तियों के साथ हमको दया की जगह दायित्व की भूमिका निभानी चाहिए। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति शिवपुरी के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी, शक्तिशाली महिला संगठन, संकल्प संस्था एवं अपना घर के द्वारा संयुक्त तत्वाधान में जिला चिकित्सालय के हॉल में किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अर्चना सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा की नशे करने की वजह से घरों में कलह होती है। नशा नाश की जड़ है। हमको मिलकर नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करना होगा और नशा छोड़ने के लिए समाज को प्रेरित करना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पवन जैन ने कहा कि यह बेहद गंभीर स्थिति है। मानसिक विकारों में अवसाद, व्यग्रता, सिजोफ्रेनिया, बाइपोलर विकार, विकास संबंधी अज्ञात बौद्धिक विकृति, आचरण संबंधी विकार और ऑटिज्म शामिल हैं। कोरोना काल में मानसिक विकार बढ़ा है। मनोरोग चिकित्सक डॉ. अर्पित बंसल ने कहा कि धैर्य के साथ वास्तविकता का सामना करें और किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें। कोरोना काल में मानसिक अवस्था पर पड़े दुष्प्रभाव का ही असर है कि ओपीडी बंद होने के बावजूद मनकक्ष 5 में मरीजों के इलाज की रफ्तार कम नहीं हुई। विपरीत परिस्थितियों में तनाव बढ़ने लगता है। सामान्य तनाव तो हमारे लिए अच्छा होता है। इससे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलता है लेकिन अधिक तनाव से संकट की स्थिति बन जाती है। ये तब होता है जब हमें आगे कोई रास्ता नहीं दिखता। घबराहट होती है और हम खुद को ऊर्जाहीन महसूस करते हैं। इस तनाव का असर शरीर, दिमाग, भावनाओं और व्यवहार पर पड़ता है। ये लक्षण दिखें तो संभल जाएं चिड़चिड़ापन, तनावग्रस्त और अशांत महसूस करें।
कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष में शिवपुरी के विनायक बंसल को मुख्य अतिथि ने फूल माला देकर उनको सम्मानित किया। नशा छोड़ चुके दो व्यक्तियों ने भी अपनी आपबीती सुनाई और नशे से हमेशा सबको दूर रहने को कहा।
प्रोग्राम में शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र शर्मा द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि चिंतित, भयभीत, घबराया हुआ या तनावग्रस्त, उत्साहहीन महसूस करना, शारीरिक लक्षण जैसे पसीना आना, शरीर का कांपना, चक्कर आना या तेजी से दिल की धड़कन बढ़ जाना ये सब मानसिक विकार के लक्षण है इनको दूर करने के लिए और किसी भी प्रकार नशा ना करें।
प्रोग्राम में शक्ति शाली महिला संगठन के रवि गोयल संचालन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में एवं शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे हैं मानसिक रोगियों की संख्या पर चिंता व्यक्त की और इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाने की जिला प्रशासन से अपील की। कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों एवं आसपास के क्षेत्रों से आए मानसिक रूप से पीड़ित मरीजों का स्वास्थ्य जांच शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा किया गया और इसमें डॉक्टरों की टीम ने 76 मरीजों की जांच की एवं उनको निशुल्क दवाइयां वितरीत की। कार्यक्रम का संचालन शक्तिशाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने किया एवं आभार प्रदर्शन जिला न्यायालय के गजेंद्र भगवती ने किया। उन्होंने अपने आभार प्रदर्शन में मुख्य अतिथि से लेकर गांव से आए मानसिक रोगी आशा कार्यकर्ता सहायिका सुपोषण सखी एवं अपना घर की टीम, शक्तिशाली महिला संगठन की पूरी टीम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूरी टीम जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन एवं डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया।
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