बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुये हमले को लेकर बजरंगदल ने पुतला दहन के साथ ज्ञापन सौंपा

कोलारस - विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल प्रखंड कोलारस द्वारा बुधवार को बाल्मीक जयंती मनाई गई वह बांग्लादेश में हुए हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर बजरंग दल कोलारस ने तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया एवं आतंकवाद का पुतला फूंका गया

ज्ञापन के अनुसार बांग्लादेश में हिंदुओं पर बार्बर अत्याचारों को रोक उन्हें सुरक्षा, न्याय व मुआवजा दिलाया जाये महा-माहिम, जैसा कि आपको विदित ही है, हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बंग्लादेश में वहाँ बचे अल्पसंख्यक हिन्दू-सिखों के विरुद्ध जघन्य अत्याचारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गत एक सप्ताह में बंग्लादेश में तो हद ही हो गई। वहाँ ना हिंदूओं की जान बचाई जा सकी ना उनकी बहिन बेटियों की इज्जत, ना माँ दुर्गा पूजा के मंडप बचे और ना ही हिन्दू मंदिर मंदिरों में जबरन घुसकर भगवान की मूर्तियों को खंडित करना, उनको बड़ी ही बेरहमी से तोड़ना, छोटी-छोटी बच्चियों से बलात्कार, हत्या, लूटपाट, आगजनी जैसा कोई भी कुकृत्य इस्लामिक जिहादियों ने नहीं छोड़ा। जब से अफगानिस्तान पर बार्बर तालिबान का शासन हुआ है अन्य पड़ोसी देशों में भी जिहादी आतंकियों के आक्रमण लगातार बढ़े हैं।      

अकेले दुर्गापूजा के दौरान बांग्लादेश के 22 से ज्यादा जिलों में हिंसा की घटनाएं घट चुकी हैं हिंदुओं के 150 से ज्यादा दुर्गा पूजा पंडाल अपवित्र कर तहस-नहस कर दिए गए। चाहे नोआखली का  इस्कॉन मंदिर हो या ढाका का ढाकेश्वरी मंदिर, बंदरबन का लामा हरी मंदिर हो या चाँदपुर का श्रीराम कृष्ण मिशन आश्रम, चौमुहानी का रामठाकुर आश्रम हो या चौक बाजार का करुणामई काली मंदिर, और या फिर कुउरीग्राम के सात अन्य मंदिर। ये सूची बड़ी लंबी है। कितने ही घरों, दुकानों व धर्मस्थलों में हिंसा आगजनी व लूटपाट का नंगा नाच हुआ, कुछ कहा नहीं जा सकता १०-१२ हिन्दू अपनी जान गंवा चुके। देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ दीं। हिंदुओं को मारा-पीटा गया। माताओं बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इतना सब होने के पश्चात भी बांग्लादेश की सरकार आँख बंद करके बैठी है। 

मान्यवर इन वीभत्स काण्डों को देखकर हिन्दुओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद बांग्लादेश सरकार से मांग करती है कि हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमणों तथा अत्याचारों को रोकने हेतु कड़े कदम उठाए तथा भारत सरकार से निवेदन करती है वह बांग्लादेश से इन घटनाओं को रोकने हेतु दबाब बनाए।

हमारा आपसे निवेदन है कि मामले में हस्तक्षेप कर बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाएं जिससे कि वहाँ :

१.       पीड़ित अल्पसंख्यक हिंदुओं को न्याय व सुरक्षा मिले

२.       जान-माल के नुकसान हेतु उचित मुआवजा मिले।

३.       आक्रमणकारीयों को चुन-चुन कर गिरफ्तार कर कठोरतम सजा दिलाई जाए।

४.       इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति पर पूर्ण-विराम हेतु समुचित कदम उठाए जाएं।

५.       वहाँ शेष बचे हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा व जीवन जीने के अधिकार मिलें।

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