एंकर - हरि सिंह परिहार के बागी जीवन की शुरुआत1985 में हुए जमीन विवाद के बाद हुई थी
शाकिर खान कोलारस - परमार 1989 से लेकर 1996 तक बीहड़ों में रहे 1985 में जमीन पर गांव के कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था। चार साल तक कोई फैसला ना होने की वजह से 1989 में उन्होंने जमीन विवाद में दो लोगों की हत्या कर दी ऒर फिर साथियों के साथ फरार हो गए। बाद में 8 लोगों की गैंग बन गई धीरे-धीरे वारदातों का सिलसिला बढ़ता गया ओर 250 से अधिक हत्या व अपहरण के प्रकरण इस गैंग पर दर्ज हो गए। हरि सिंह ने दुश्मन का सिर काट कर मंदिर पर चढ़ा दिया था 7 साल तक बीहड़ों में आतंक रहा और शातिर ऐसा कि कभी पकड़ा नहीं गया। अंततः आत्मसमर्पण किया और अब सामान्य जीवन जी रहा है हरि सिंह का नाम 25 साल पहले तक फिरौती किंग के तौर पर मशहूर रहा था पर आज खूंखार बागी हरि सिंह में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। यहां बता दे कि अनिल सिंह जादौन निवासी ग्राम बेडारी कोलारस ने अपनी पुत्री का विवाह 20 जून 2021 को कृष्ण प्रताप उर्फ कल्ला सिकरवार निवासी ग्राम बिलोनी से किया था। शादी के बाद ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित कर मारपीट करते थे। जिसके बाद दिनांक 22= 10= 2021 को लड़की ने फोन कर मायके में जानकारी देते हुए परेशान करने की बात कही जिसके बाद उसी शाम पुत्री की मौत की खबर मिली। पिता अनिल सिंह जादौन के कहे अनुसार फरार ससुराल पक्ष द्वारा पूर्व बागी हरि सिंह परमार का नाम ले लेकर राजीनामा का दबाव बनाया जा रहा था। इसी को लेकर आज कोलारस के बेडारी गांव में लड़की पक्ष के फार्म पर पहुंचे हरि सिंह ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि मैं रिश्तेदार तो दोनों का हूं पर मैं सच्चाई का साथ दूंगा और मेरी नजर में हिंदुस्तान की एक एक बेटी मेरी बेटी है और मैं पहले भी बेटियों का सम्मान करता था और आज भी करता हूं और मेरे नाम से अवैध वसूली और धमकाने वाले लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए।